Homeदेशप्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू के बाद अब की इंदिरा गांधी की तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू के बाद अब की इंदिरा गांधी की तारीफ

ढाका में मोदी ने कहा, ‘आज का यह अवसर बंगबंधु के विजन और आदर्शों को याद करने का दिन है। ये समय चिरोविद्रोही को, मुक्ति युद्ध की भावना को फिर से याद करने का समय है। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के लिए भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधीजी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है। उसी दौर में 6 दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपनी जीवन की आहूति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, बल्कि इतिहास को नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं।’

बांग्लादेश की आजादी के लिए मैंने भी सत्याग्रह किया था
‘बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक है। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी। मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में मैंने गिरफ्तारी दी थी। जेल जाने का भी अवसर आया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए जितनी तड़प इधर थी, उतनी ही उधर भी थी। यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए, वो तस्वीरें विचलित करती थीं, उन्होंने कई दिन तक सोने नहीं दिया।’

बांग्लादेश की आजादी के लिए मैंने भी सत्याग्रह किया था
‘बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक है। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी। मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में मैंने गिरफ्तारी दी थी। जेल जाने का भी अवसर आया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए जितनी तड़प इधर थी, उतनी ही उधर भी थी। यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए, वो तस्वीरें विचलित करती थीं, उन्होंने कई दिन तक सोने नहीं दिया।’

मोदी ने कहा, ‘मैं आज याद कर रहा हूं बांग्लादेश के लाखों बेटे-बेटियों को, जिन्होंने अपने देश, भाषा और संस्कृति के लिए अनगिनत अत्याचार सहे। अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। इसी साल भारत-बांग्लादेश मैत्री के 50 साल पूरे हो रहे हैं। बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती का यह वर्ष दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत कर रहा है। बंगबंधु ने बांग्लादेश और यहां के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि उन्हें गांधी शांति सम्मान देने का अवसर मिला।’ मोदी ने अपनी बात खत्म करते वक्त कहा कि भारत और बांग्लादेश की मैत्री चिरंजीवी हो।

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