25 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं लोकार्पण
मध्यप्रदेश में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का सपना साकार होने में अब ज्यादा दिन नहीं हैं मध्यप्रदेश में भोपाल और इंदौर की जनता को अब और इंतजार नहीं करना होगा। भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए विदेशी बैंकों से लोन लेने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के प्रोजेक्ट इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की मंजूरी मिल गई है। अब यह प्रोजेक्ट मोदी कैबिनेट में रखा जाएगा।
उम्मीद की जा रही है कि आगामी २५ सिंतबर को महाकुंभ में शामिल होने आ रहे पीएम मोदी इसका भी लोकार्पण कर सकते है।भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट तीन फेज में पूरा किया जाएगा। पहले फेज में भदभदा से रत्नागिरी तक 12.34 किमी और करोंद से एम्स तक 14.3 किमी लंबा रूट तैयार किया जाएगा। करोंद से एम्स के बीच 16 जबकि भदभदा से रत्नागिरी के बीच 14 स्टेशन बनेंगे। इसकी लागत 6962 करोड़ रुपए आंकी गई है।
दरअसल, मप्र में नवंबर-दिसबंर में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में सरकार द्वारा मेट्रो रेल को लेकर तेजी से विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज का पूरा फोकस है कि वह चुनाव का बिगुल बजने से पहले प्रदेश में मेट्रो की नींव पड़ जाए। इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी के साथ केंद्रीय मंत्रियों के साथ पूरी बातचीत की। हालांकि दोनों ही मंत्रियों ने बातचीत के दौरान ही उन्हें मदद की पूरा भरोसा दिया था।मंगलवार को दिल्ली में प्रोजेक्ट इंवेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है। मुख्य सचिव बीपी सिंह और नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल इस बैठक के दिल्ली गए थे।जिसको लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि सरकार ने मेट्रो के शिलान्यास की तैयारी शुरू कर दी है। 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल दौरे में भोपाल मेट्रो का शिलान्यास कर सकते हैं।भोपाल मेट्रो के लोन की मंजूरी के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) की टीम अक्टूबर या नवंबर में भोपाल आ सकती है। वहीं इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से मंजूरी ली जाएगी। एडीबी की टीम भी इसी दौरान मप्र आ सकती है।
विदेशी कंपनियों से कुल 6700 करोड़ का लोन लेगी सरकार
खबर है कि यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक भोपाल मेट्रो के लिए सरकार को लगभग 3500 करोड़ रुपए और एशियन डेवलपमेंट बैंक इंदौर मेट्रो के लिए लगभग 3200 करोड़ रुपए का लोन देगा। राजधानी में मेट्रो के दो कॉरीडोर बनाने पर 6962.92 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इंदौर में एक रूट बनाने के लिए लगभग 7500 करोड़ रुपए की लागत आएगी।वही सरकार ने बीस फीसदी राशि की मदद केन्द्र सरकार से की है, हालांकि अभी तक केन्द्र सरकार ने कोई जवाब नही दिया। चुंकी सरकार पर पहले से ही करोड़ों का कर्ज है, ऐसे में पैसों की कमी से जूझ रही शिवराज सरकार फंड जुटाने में लगी हुई है।वही मेट्रो रेल कंपनी पीपीपी से भी फंड जुटाएगी। स्टांप ड्यूटी पर एक फीसदी सेस लगाकर करीब 200 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।