Homeमध्यप्रदेशअगर ऐसा हुआ तो क्या करेंगे दिग्गीराजा

अगर ऐसा हुआ तो क्या करेंगे दिग्गीराजा

भोपाल /कांग्रेस के हाथ से सत्ता जाने के बाद राज्यसभा चुनावों का समीकरण बदल गया है। चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर से ही दलित चेहरे को राज्यसभा में भेजने की मांग जोर पकड़ने लगी है। साथ ही दिग्गी विरोधी खेमा यह मांग करने लगे हैं कि बरैया को राज्यसभा भेज बीजेपी का समीकरण बिगाड़ सकते हैं।सूत्रों की मानें तो इसके पीछे कमलनाथ का भी दिमाग काम कर रहा है जैसा की सामने आया है सरकार जाने के बाद कमलनाथ और दिग्गी गुटों में तनातनी बढ गई है । बरैया के पक्ष में लॉबिंग कर रहे नेताओं का तर्क है कि उन्हें राज्यसभा भेज में आरक्षित वर्ग के वोटों का लाभ ले सकते हैं। अगर पार्टी इस पर राजी हो गई तो दिग्विजय सिंह राज्यसभा नहीं पहुंच पाएंगे।

ग्वालियर-चंबल इलाके में आरक्षित वर्गों का वोट काफी है। बरैया समर्थकों के तर्क पर दिग्गी खेमा ने भी जवाब दिया है। दिग्विजय सिंह के लोगों का कहना है कि राज्यसभा इन्हें ही भेजा जाए। फुल सिंह बरैया को उपचुनाव में पार्टी किसी सीट से उम्मीदवार बनाए। इससे भी आरक्षित वर्ग के वोट पार्टी के पक्ष में आएंगे। वहीं, मीडिया से बात करते हुए फुल सिंह बरैया ने कहा कि जब तक निर्वाचन नहीं हो जाता तब तक वे मुकाबले में हैं। कांग्रेस ने मुझे उम्मीदवार बनाया है। 
दरअसल, एमपी में 23 मार्च तक कांग्रेस की सरकार थी। सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ की सरकार चली गई। सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 121 थी। वहीं, बीजेपी के पास 107 विधायक थे। तत्कालीन समीकरण के हिसाब से कांग्रेस को राज्यसभा की 2 सीटें मिल रही थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा देकर समीकरण बदल दिया है। ऐसे में अब कांग्रेस 1 ही सीट जीत सकती है। बदले हालत में पार्टी को ही तय करना है कि राज्यसभा कौन जाएगा। 

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