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अटल सभागार से भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल लोकेंद्र पाराशर ने थामी तैयारियों की कमान

 

ग्वालियर चुनाव तैयारी की दृष्टि से भाजपा ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है ।  जिन 28 सीटों पर उप चुनाव होना है उनमें से 16 ग्वालियर अंचल में हैं  यही वजह है की उपचुनाव की दृष्टि से ग्वालियर सर्वाधिक संवेदनशील स्थान बन गया है। हालांकि कांग्रेस ने भी यहां पूरी ताकत झोंक रखी है और कमलनाथ का  सफल रोड शो भी यहां किया जा चुका है बावजूद इसके व्यवस्थित चुनाव प्रचार की बात की जाय तो भाजपा आगे दिखाई दे रही है। चुनाव प्रचार व अपनी चुनाव रणनीति को सफल करने के लिए  बीजेपी ने ग्वालियर में अपना चुनावी वॉर रूम बनाया है।  इसकी कमान सम्भालने के लिए भाजपा ने  अपने प्रदेश मीडिया प्रमुख लोकेन्द्र पाराशर को यहां तैनात कर दिया है। वे रात दिन यहां रहकर रणनीति को अंजाम देने में जुटे हैं। भाजपा यहां से मीडिया सेल व आईटी सेल के माध्यम से कांग्रेस पर हावी होतीं नजर आ रही है तो दूसरी ओर तमाम नेता व कार्यकर्ताओं की सक्रियता भी यहां बढ़ गई है। इस वार रूम को जहां वरिष्ठ पार्टी नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल सभागार रखा गया है वहीं वार  रूम में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं की तस्वीर है। पीएम मोदी से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक की बड़े-बड़े तस्वीर वॉर रूम में लगे हैं।  प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव है, 16 सीटें ग्वालियर-चंबल से हैं। 16 सीटों पर उपचुनाव की तैयारी इसी वॉर रूम से चल रही है।

उल्लेखनीय है की  उपचुनाव में प्रचार के लिए भाजपा एवं कांग्रेस के बड़े नेता उतरेंगे। चूंकि दोनों दलों का फोकस ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों पर है। प्रचार के लिए मप्र सरकार के सभी मंत्री, भाजपा विधायक एवं सांसद उतरेंगे। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही मप्र भाजपा की ओर से चुनाव में उनकी ड्यूटी लगा दी जाएगी। ग्वालियर में डेरा डालकर नेता इन क्षेत्रों में आसानी से प्रचार कर सकेंगे और पार्टी नेता एवं आम लोगों से भी मुलाकात कर सकेंगे। यही वजह है कि अब बड़े नेता उपचुनाव के दौरान कुछ दिन ग्वालियर में ठहरेंगे।
ग्वालियर में रहेगी हेलिकॉप्टर की व्यवस्था
उपचुनाव में जमकर पैसा खर्च होने वाला है। दोनों दल प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।  उपचुनाव वाले क्षेत्रों में राजनीतिक घमाचौकड़ी शुरू हो चुकी है प्रचार के लिए कांगे्रस, भाजपा एवं बसपा के नेता दिल्ली, भोपाल एवं अन्य शहरों से आएंगे। उनके लिए ग्वालियर से ही विधानसभा क्षेत्रों में जाने के लिए हेलिकॉप्टर की व्यस्था रहेगी।

ग्वालियर में  ही होगा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय

भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रभाव वाली ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 सीटों पर कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा चरमरा गया है, जिसे नए सिरे से खड़ा करना पार्टी के लिए चुनौती बन गया है। इसे देखते हुए फैसला लिया गया है कि उपचुनाव होने तक पार्टी का चुनाव मुख्यालय भोपाल के बजाए ग्वालियर में रखा जाए, ताकि हर एक सीट की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी रखी जा सके।
कमलनाथ के लिए आलीशान बंगले की तलाश

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए ग्वालियर में एक आलीशान बंगले की तलाश की जा रही है कमलनाथ ग्वालियर में ही रहेंगे। इसकी वजह भी है, ग्वालियर-चंबल संभाग में ही सबसे ज्यादा 17 सीटों पर उपचुनाव होना है। (16 सिंधिया समर्थक और एक विधायक के निधन से रिक्त विधानसभा क्षेत्र) कमलनाथ का फोकस भी इन्हीं विधानसभा क्षेत्रों पर रहेगा।

 

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