भोपाल।ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने ट्विटर के स्टेटस से कांग्रेस की जगह समाजसेवी लिखे जाने को लेकर प्रदेश के सियासी गलियारों में उबाल ला दिया है। सिंधिया के पीएम मोदी से मुलाकात और बीजेपी में जाने तक की अटकलें लगना शुरु हो गई है।सत्तापक्ष और विपक्ष में बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है।यहां तक कि अपने नेता को ऐसा करते देख समर्थकों ने भी अपना ट्वीटर स्टेटस बदलना शुरु कर दिया है। इसी बीच सिंधिया ने अपने ट्वीटर बायो बदलाव पर सफाई दी है। सिंधिया ने सभी अफवाहों को निराधार बताया है ।सिंधिया का कहना है कि उन्होंने ऐसा लोगों की सलाह पर किया है।
दरअसल, इस बदलाव के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, सिंधिया का कहना है कि ऐसा उन्होंने डिटेल को शॉर्ट करने के लिए किया है। ट्वीटर बदलाव के बाद मचे सियासी घमासान के बाद सिंधिया ने एएनआई से चर्चा करते हुए सफाई दी है। सिंधिया का कहना है कि ”उनके ट्विटर बायो में कांग्रेस पार्टी का कोई उल्लेख नहीं। एक महीने पहले मैंने ट्विटर पर अपना बायो बदल दिया था। लोगों की सलाह पर मैंने अपना बायो छोटा कर लिया था। इस बारे में अफवाहें निराधार हैं।”
दरअसल, आज सोमवार सुबह मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर अकाउंट से अपना ‘कांग्रेसी परिचय’ हटा दिया है। अपने नए बायो में उन्होंने खुद को सिर्फ जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है। इससे पूर्व सिंधिया ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद कांग्रेस महासचिव 2002-2019 लिखा था।अचानक सिंधिया के ट्विटर पर यूं प्रोफाइल पर पद बदलने से सियासत गर्मा गई है।इसे सिंधिया की पार्टी से चल रही नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। वही उनके पीएम मोदी से मुलाकात और बीजेपी में जाने की अटकलें भी शुरु हो गई थी, जिसे सिंधिया ने सिरे से नकार दिया है