भोपाल /आख़िर यह कलेक्टर साहब सुधरते क्यो नहीं पहले त्रिपुरा फ़िर छत्तीसगढ़ में ठसक निकलने के बावजूद अब खंडवा के कलेक्टर साहब की ठसक चर्चा में है
MP के खंडवा में पत्रकारों को धमकाने वाले कलेक्टर अनय द्विवेदी ने अब जनसंपर्क अधिकारी (PRO) का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव कर दिया। कलेक्टर की तानाशाही का यह मामला खंडवा से निकलकर भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में भी गर्मा गया है। जनसंपर्क आयुक्त का कहना है कि कलेक्टर को यह अधिकार ही नहीं है।
गौरतलब है जनसंपर्क मंत्रालय CM शिवराजसिंह के पास है। संगठनों का कहना है यह तो सीएम के अधिकारों पर अतिक्रमण है। सूत्रों के अनुसार मीडिया में लगातार लापरवाही उजागर होने से प्रशासन चिढ़ा हुआ है और वह खबरों को दबाने की कोशिश में लगा था। यह जिम्मा जनसंपर्क के स्टाफ को भी दिया था।
कोरोना काल में खंडवा कलेक्टर की सबसे पहली खुन्नस मीडियाकर्मियों पर निकली। दो पत्रकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। जवाब नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई के लिए धमकाया गया। इसके अलावा कुछ पत्रकारों को अपने कक्ष में बुलाकर मकान तोड़ने तक की धमकी दी गई। मामला यही नहीं थमा एक पत्रकार से तो वाॅटसऐप पर कॉलिंग कर अभद्रता की गई।
ताजा मामला जनसंपर्क अधिकारी ब्रजेंद्र शर्मा से जुड़ा है। शनिवार को उनको रिलीव कर दिया गया। अपर कलेक्टर शंकरलाल सिंघाड़े के हस्ताक्षर से निकले इस आदेश में प्रशासकीय आधार पर कार्यमुक्त करते हुए आयुक्त जनसंपर्क भोपाल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इस आदेश की प्रतिलिपि 43 विभागीय प्रमुखों को भेजी गई। हास्यास्पद यह है कि इस आदेश की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक के साथ ही थाना प्रभारियों को भी भेजी गई है।
बताया जाता है कि PRO को कार्यमुक्त करने के साथ ही उनकी गाड़ी भी तत्काल बुलवा ली गई। इस पूरे घटनाक्रम से PRO घबरा गए हैं। उन्होंने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एक चर्चा यह भी है कि PRO इस वजह से घबरा गए हैं कि कही कलेक्टर उल्टी सीधी जांच में उन्हें फंसवा न दें।