*ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन और छिड़काव पर सिंधिया ने जताई खुशी, कहा-विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा देश*
– *केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ने इस नई तकनीक पर जताई खुशी*
– *ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में नए विकास के रास्ते खोलेगा- सिंधिया*
नई दिल्ली/देश आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का उपयोग करेगा। इफको द्वारा निर्मित नैनो लिक्विड यूरिया का दो दिन पहले ड्रोन स्प्रे का फील्ड परीक्षण किया गया। इस नई तकनीक पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जताई है। इस तकनीक में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन और छिड़काव शुरू किया गया है। अभी हाल ही में ड्रोन स्प्रे टेस्ट में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया के अलावा किसान भी मौजूद रहे। परीक्षण गुजरात के भावनगर में किया गया।
*ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में नए विकास के रास्ते खोलेगा- सिंधिया*
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस नई तकनीक पर खुशी जताते हुए कहा है कि अब ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में होगा तो भारत आगे विकास के रास्ते पर ओर मजबूती से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। आज नैनो यूरिया का न केवल बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ है। श्री सिंधिया ने कहा कि इससे तरल नैनो यूरिया के उपयोग से किसानों को आर्थिक बचत होगी, उत्पादकता बढ़ेगी और यूरिया आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी। लिक्विड नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया के एक शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभरा है। इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और सरकार इस बचत का इस्तेमाल अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं पर कर सकेगी।
*नई स्क्रीम से निवेश और बढ़ेगा रोजगार-*
केंद्र सरकार द्वारा ड्रोन और ड्रोन के कलपुर्जों के लिए हाल ही में घोषित उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई स्क्रीम फॉर ड्रोन) योजना से अगले तीन वर्षों के दौरान 5,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की उम्मीद है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा नई ड्रोन नीति 2021 और ड्रोन तथा ड्रोन के कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना लाई गई है। बताया जाता है कि ड्रोन और ड्रोन के कलपुर्जों के विनिर्माण उद्योग में अगले तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो सकता है. साथ ही उद्योग का वार्षिक बिक्री कारोबार वित्त वर्ष 2020-21 में 60 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 900 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। इस क्षेत्र के विकास से ड्रोन निर्माण उद्योग में अगले तीन साल के दौरान 10,000 से अधिक रोजगार के मौके पैदा होने की उम्मीद है।