इन दिनों जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। प्रशासन यात्रा की सफलता के लिए चाक-चौबंद तैयारी में जुटा है। लेकिन इसी बीच जम्मू कश्मीर में सक्रिय देश विरोधी ग्रुप अमरनाथ यात्रा को बदनाम करने और उसको बंद करवाने की साजिश शुरू कर चुका है। इसके तहत कईं संगठन किताबों और सोशल मीडिया के जरिये एक प्रोपगैंडा बुक और उसके कथित रिसर्च के हिस्से को फैलाकर नयी साजिश रची जा रही है। साजिश अमरनाथ यात्रा को कश्मीर विरोधी और हिंदूत्ववादी एजेंडा घोषित करने की। दरअसल जम्मू कश्मीर कोइलेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ने एक किताब पब्लिश की है। जिसका टाइटल है- AMARNATH YATRA: A MILITARISED PILGRIMAGE।
ये सिविल सोसाइटी सरेआम कश्मीर घाटी में सेमिनार और प्रोग्राम आयोजित कर कश्मीर की आजादी के नारे लगाती रहती है। जिससे कुख्यात अलगाववादी गौतम नवलखा भी जुड़े हैं। इसके टाइटल से ही साबित होता है कि ये हिंदूओं की अनंत आस्था की प्रतीक अमरनाथ यात्रा को किस नजरिये से देखते हैं। इस बुक में दावा किया गया है कि जम्मू कश्मीर कोइलेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ने आरटीआई, रिसर्च और अधिकारियों से बातचीत के आधार एक स्टडी तैयारी की है। जिसके आधार पर ये साबित किया गया है कि अमरनाथ एक सेक्यूलर में चलने वाली हिंदूत्ववादी एजेंडा है। जिसके जरिये जम्मू कश्मीर के अलावा बाहरी राज्यों का दखल है। जिससे कश्मीर को खतरा है..। बुक के कुछ अंश
इस बुक में अमरनाथ को 45 दिन का किये जाने को भी साजिश बताया गया। साथ ही जम्मू कश्मीर कोइलेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ने यात्रा में सिक्योरिटी फोर्सेस की मौजूदगी को भी साजिश करार दिया है। इसके अलावा बुक में इस यात्रा का संचालन करने वाले श्राइन बोर्ड पर भी आपत्तियां जाहिर की गयी हैं। हालांकि इन तीनों मामलों में सिविल सोसाइटी को दिक्कत क्या है, इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है। हां ठीक ऐसा ही एजेंडा पाकिस्तान परस्त आतंकियों का जरूर है। जिनको इस यात्रा की सुरक्षा पर आपत्ति है।