तीन दिन के अमेरिका दौरे पर गए हैं पीएम मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच दोस्ताना व्यवहार को देख पूरी दुनिया हतप्रभ है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी द्विपक्षीय वार्ता की। इस बीच अमेरिका ने पीएम मोदी को स्पेशल गिफ्ट दिया है।दरअसल, अमेरिका ने भारत को 297 प्राचीन वस्तुएं लौटाईं हैं, जिन्हें भारत से तस्करी कर लाया गया था। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल को एक खास तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक प्राचीन चांदी से बना ट्रेन का मॉडल उपहार में दिया है. इसके उन्होंने फर्स्ट लेडी जिल को पश्मीना शॉल दी है.
पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा है, “सांस्कृतिक संबंधों और सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी के ख़िलाफ़ लड़ाई को मज़बूत किया जा रहा है.”
“भारत को 297 अमूल्य पुरावशेषों को वापस करना सुनिश्चित करने के लिए मैं राष्ट्रपति बाइडन का बेहद आभारी हूं.”
ये प्राचीन वस्तुएं 4000 साल तक पुरानी हैं और 2000 ईसा पूर्व से 1900 ईस्वी तक भारत के अलग अलग इलाक़ों से ताल्लुक रखती हैं.
इस समय तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका में हैं. वो 21 सितंबर को अमेरिका पहुंचे थे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल को एक खास तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक प्राचीन चांदी से बना ट्रेन का मॉडल उपहार में दिया है. इसके उन्होंने फर्स्ट लेडी जिल को पश्मीना शॉल दी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्राचीन चांदी से बनाई गई ट्रेन का एक मॉडल उपहार में दिया है. इसे महाराष्ट्र के कारीगरों ने बड़ी कुशलता के साथ तैयार किया है. इस पर हाथ से नक्काशी की गई है. 92.5% चांदी से बना यह मॉडल भारतीय धातुकर्म कला के शिखर को दर्शाता है. यह रचना भाप इंजन युग को श्रद्धांजलि है. इसमें भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों को भी दिखाया है. इस मॉडल में “दिल्ली – डेलावेयर” लिखा हुआ है. इसके अलावा इंजन के किनारों पर भारतीय रेलवे लिखा हुआ है.
वहीं, PM मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी को पेपर माचे बॉक्स में पश्मीना शॉल उपहार के रूप में दी है. असाधारण गुणवत्ता और अद्वितीय सुंदरता वाली पश्मीना शॉल जम्मू और कश्मीर से आती है. पश्मीना शॉल पारंपरिक रूप से जम्मू-कश्मीर से पेपर माचे बॉक्स में पैक होकर आती हैं, जो अपनी बेहतरीन सुंदरता और शिल्प कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं.
ये बॉक्स पेपर पल्प, गोंद और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों के मिश्रण का उपयोग करके हाथ से बनाए जाते हैं. प्रत्येक बॉक्स कला कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है. ये बॉक्स न केवल कार्यात्मक हैं, बल्कि अपने आप में सजावटी वस्तुओं के रूप में भी काम आते हैं.