नई दिल्ली,। अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को सुनवाई होगी। जस्टिस एसए बोबड़े छुट्टी से लौट आए हैं। वह पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा होंगे। यह संविधान पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 16 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 77 एकड़ विवादित भूखंड को तीन भागों में बांटने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ अब 26 फरवरी से इस मामले की सुनवाई करने जा रही है। न्यायालयों में लगभग 70 साल से अटके अयोध्या मामले में अब देश की शीर्ष अदालत सुनवाई करने जा रही है और भक्तों को पूरी उम्मीद है जल्द से जल्द इसका कोई हल निकल आएगा। अयोध्या की सुनवाई करने जा रही सुप्रीम कोर्ट की यह संविधान पीठ कई मामलों में खास है।
बता दें कि अयोध्या में विवादित भूमि पर 21 फरवरी को शिलान्यास कार्यक्रम का ऐलान कर चुके द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘श्रीरामजन्मभूमि के संदर्भ में हमने जो निर्णय लिया है, वह सामयिक और आवश्यक भी है। लेकिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जवानों की शहादत के बाद देश में अचानक आई इस आकस्मिक परिस्थिति को देखते हुए हम यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निर्णय ले रहे हैं।’