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अहमद की जगह अमर-आकाश भी हो सकता था’, ‘चिट्ठी आई है’ पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला पाठयक्रम बताया

मध्य प्रदेश में एनसीईआरटी की तीसरी कक्षा की किताब को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। अब इस मामले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाठ में लिखी चिट्ठी लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला पाठयक्रम छापा गया है। यह देश का दुर्भाग्य है कि अगर चिट्ठी पॉठ्यक्रम सिखाने के लिए बच्चों का नाम जोड़ना ही था तो अहमद की जगह अमर भी तो हो सकता था, आकाश भी हो सकता था, अविनाश भी तो हो सकता था और आदर्श भी तो हो सकता था, अहमद ही क्यों रखा गया।

धीरेंद्र शास्त्री ने सरकार से सभी किताबों को वापस लेने की बात कही और अहमद की जगह आदर्श अवनीश को जोड़ा जाए। उन्होंने आगे कहा कि क्या प्रायोजित तरीके से हिंदुओं की बेटियों को इन अहमदों के चक्कर में पड़वाना चाहते हो? अगर नहीं तो भारत के जो सोए हुए हिंदू हैं, उनकी क्या जिम्मेदारी बनती है।

सिर्फ अकेले बागेश्वर बाबा की जिम्मेदारी नहीं है’

उन्होंने आगे कहा कि एक अकेले बागेश्वर बाबा बोलने से क्या होगा। क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं है, क्या उनकी बहन बेटियां नहीं हैं, क्या उनका भारत नहीं है, क्या उनका हिंदुस्तान नहीं है, क्या उनका सनातन नहीं है, क्या उनके पूर्वजों ने इस देश में जीवन नहीं जिया तो एक अकेले बागेश्वर महाराज या दो चार हिंदुओं की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि भारत के 100 करोड़ हिंदुओं की यह जिम्मेदारी है।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि यह विवाद एमपी में कक्षा 3 की पर्यावरण किताब से शुरू हुआ। इस किताब के एक पाठ ‘चिट्ठी आई है’ को लेकर एक परिजन ने शिकायत दर्ज करते हुए इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला बताया। इसे लेकर उन्होंने एनसीईआरटी के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को ईमेल भी भेजा।

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