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आज चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भगवा ब्रिगेड के सामने कांग्रेस बैकफुट पर,ताबड़तोड़ रैलियों सभाओं ने बदला माहौल

प्रवीण दुबे
शोरगुल वाला चुनाव प्रचार आज  शाम 5 बजे थम जाएगा। इससे पूर्व  पिछले एक पखवाड़े से जारी चुनाव प्रचार की समीक्षा की जाए तो भाजपा शीर्ष नेतृत्व खासकर प्रधानमंत्री मोदी,गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रियो राजनाथ सिंह,नितिन गडकरी सहित मध्यप्रदेश से जुड़े पार्टी नेताओं जिसमें खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ,केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर आदि ने जबरदस्त ढंग से प्रचार करके कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है।
जिस समय चुनाव तारीखों का एलान हुआ था। भाजपा एंटी इंकम्बेंसी के खतरे से बुरी तरह से जूझती दिखाई दे रही थी। लेकिन आज चुनाव प्रचार समाप्त होते तक स्थिति ठीक उलट नजर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की पूरी टीम ने जिस प्रकार सुनियोजित ढंग से कांग्रेस की तमाम कमजोरियों खासकर 18 महीने की कमलनाथ सरकार द्वारा की गई वादाखिलाफी को अपने भाषणों के माध्यम से हमला बोला और मध्यप्रदेश की जनता को सबकुछ बताने में कामयाब रहे उसने मध्यप्रदेश के सारे चुनावी गणित को उलटकर रख दिया है।
आज की बात करें तो भाजपा के खिलाफ न तो एंटी इंकम्बेंसी दिखाई दे रही है और न नाराजी लड़ाई में कमलदल हाथ के पंजे की तुलना में अधिकांश हिस्सों में बीस ही नजर आ रहा है।
एक तरफ प्रदेश के 48 प्रतिशत मतों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला वोटरों के बीच  भैय्या शिवराज के प्रति जबरदस्त सकारात्मकता देखने को मिल रही है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी धुरंधर टीम राज्य और प्रदेश की तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता के दिमाग में उतारने में कामयाब रहे हैं।
इन सबके अलावा राममंदिर निर्माण,धारा 370 की समाप्ति,तथा पूरी दुनिया में भारत के बढ़ते दबदबे किसानों  मजदूरों गरीबों के लिए जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मध्यप्रदेश चुनावों में  भाजपा को इस कारण मिल रहा है क्योंकि पार्टी ने बड़ी चतुराई से प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा आगे करके चुनाव लडा है।
मोदी की गारंटी को मध्यप्रदेश वासी तमाम कल्याणकारी कार्यों के वादों पर पक्का हॉलमार्क मानकर चल रहे हैं जो भाजपा के लिए बहुत कारगर साबित हुआ है।
दूसरी ओर कांग्रेस की बात की जाए तो चुनाव के शुरुआती दौर में बहुत सारी चीजें उसके पक्ष में होने के बावजूद अंतिम चरण आते आते तक उस माहौल को वह यथावत नहीं रख सकी यही वजह है कि आज अनेक विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पीछे नजर आ रही है।
इसका मूल कारण कांग्रेस के पास मोदी बिग्रेड की तुलना में लोकप्रिय नेताओं की बहुत कमी है। जिन नेताओं ने मध्यप्रदेश में पार्टी प्रचार की कमान सम्हाले हुई है उन्हे भाजपा नेताओं की तुलना में अपनी बात रखने में न तो महारत हासिल है और न ही उनके चेहरे उतने लोकप्रिय हैं।
उनके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कमलनाथ से लेकर केंद्रीय नेतृत्व राहुल प्रियंका गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे तक भाजपा की तमाम कमियों को प्रभावी ढंग से रखने नाकामयाब ही नजर आए।
 यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी नासमझी को कई बार अपने भाषणों में उजागर किया बल्कि राहुल गांधी को यहां तक कह दिया कि मूर्खों के सरदार किस दुनिया में रहते हो। उधर चुनाव आयोग तक ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ झूठे और अप्रत्याशित आरोप लगाने को लेकर नोटिस जारी कर दिया। इससे कांग्रेस की भारी किरकिरी तो हुई ही साथ ही भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस पर झूठे और मनगडंत आरोप लगाने की बात सिद्ध हो गई। अब जबकि आज चंद घंटे बाद शोरगुल वाला चुनाव प्रचार थम जाएगा और मतदान में डेढ़ दिन का समय ही शेष बचेगा यह कहा जा सकता है कि भाजपा नेताओं की जबरदस्त मेहनत और निर्धारित रणनीति ने मध्यप्रदेश के चुनावी माहौल को भगवामय कर दिया है।
यह कहना तो फिलहाल कठिन होगा कि  17 तारीख को मतदाता क्या निर्णय लेगा लेकिन इतना जरूर। कहा जा सकता है कि जो माहौल दिख रहा है वह चुनाव प्रचार के शुरुआती माहौल जैसा कतई नहीं है ,भाजपा ने इसे संतुलित करने में पूरी तरह से कामयाब रही है।
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