आज अपने फायर ब्रांड पंडित जी अनूप मिश्रा का जन्मदिन है अनूप मिश्रा अर्थात तेज तर्रार छवि वाले अक्खड़ और फक्कड़पन के साथ ईमानदार कद्दावर नेता की छवि वाले जनसेवक, सबके साथ खरी-खरी दो टूक बात कहना , जो कह उस पर न कोई सफाई न कोई अफसोस, चुनावी प्रबंधन में उनकी महारथ का सभी लोहा मानते हैं।
कहा जाता है परिस्थितियों को हर हाल में अपने अनुकूल बनाना उन्हें आता है। उनकी प्रशासनिक क्षमता, दक्षता को भी लोग स्वीकारते हैं।
सरकार में मंत्री पद का लंबा अनुभव उन्हें प्राप्त है। चुनाव मैनेजमेंट में माहिर, बड़े नेताओं से उनका सीधा सम्पर्क है।
इन सबसे अलग हटकर एक बात और की अनूप मिश्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भानजे भी हैं।
कहा जाता है की श्री मिश्रा को अटलजी बहुत प्रेम करते थे यही वजह है की दिल्ली से लेकर लखनऊ और ग्वालियर से मनाली तक अनूप मिश्रा अटलजी के बेहद नजदीक रहे उन्होंने राजनीति का ककहरा भी अटलजी के सानिध्य में ही रहकर कब सीख लिया शायद उन्हें भी नहीं पता।
एक महान राजनीतिज्ञ और कुशल संगठक का थोड़ा सा सानिध्य भी किसी कार्यकर्ता की पूरी जिंदगी को बदल देता है। यह बात अनूप मिश्रा पर खरी उतरती है।
अटलजी के स्नेहपूर्ण सानिध्य के चलते वे 90 के दशक में चुनाव में उतरे और जब जीतकर विधानसभा पहुंचे तो उनकी चतुर राजनीतिक समझ के सभी कायल होते चले गए ।
तीन दशक से अधिक के अपने राजनीतिक सफर में अनूप मिश्रा ने अपना परचम खूब फहराया लेकिन पार्टी लाईन व संगठन के अनुसार चलना कभी नहीं छोड़ा।
उन्होंने ऊंचाइयों के तमाम सोपान चढ़े और सफलता के तमाम कीर्तिमान गढ़े। पंडित जी ने चुनाव में जहां कभी न हारने वाले नेता की छवि बना चुके कांग्रेस के भगवान सिंह यादव,बालेंदु शुक्ल जैसे धुरंधरों को धूल चटाई वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री तक और फिर लोकसभा सदस्य के रूप में विशिष्ट स्थान बनाया।
वर्तमान की बात करें तो तमाम कतिपय राजनीतिक कारणों के चलते वे भाजपा की अग्रिम पंक्ति की राजनीति से दूर हैं या यूं कहा जाए तो अधिक उपयुक्त होगा की उन्हें राजनीतिक विद्वेष के चलते दूर कर दिया गया है।
इसके बावजूद भी पार्टी के भीतर और जनता के बीच खासकर गरीब गुरबों में अनूप मिश्रा का कद आज किसी भी बड़े नेता से कम नहीं कहा जा सकता।
इसे पार्टी का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा की अनूप मिश्रा जैसी उच्च प्रशासनिक समझ व कुशल नेतृत्व क्षमता के बावजूद उन्हें किसी भी बड़ी जिम्मेदारी से दरकिनार रखा गया है।
इसके बावजूद अनूप मिश्रा कार्यकर्ताओं व जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। इसकी बानगी समय समय पर देखने को मिलती है । चाहे ठेले वाले हों,सब्जी वाले हों अथवा बेबस कार्यकर्ता जब वे मुसीबत में होते हैं तो अनूप मिश्रा के पास जाकर अपनी समस्या का समाधान पाते हैं।
हाल ही में पूरे शहर ने यह देखा है की अनूप मिश्रा किस प्रकार गरीब, बे सहारा जरुरमंद लोगों व कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी लाईन से हटकर सड़क पर धरना देने में भी नहीं हिचकते हैं ,और प्रशासन को भी उनके आगे नतमस्तक होना ही पड़ता है। ऐसे योग्य राजनीतिज्ञ को Shabdshaktinews.in की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।