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इसरो ने न्यू ईयर से पहले अंतरिक्ष में रचा इतिहास, स्पैडेक्स मिशन की सफल लॉन्चिंग

भारतीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो ने अपने नए मिशन पीएसएलवी रॉकेट के जरिए किए जाने वाले अपने ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। लॉन्चिंग ठीक रात 10 बजे श्रीहरिकोटा से की गई। इस मिशन का नाम स्पैडेक्स रखा गया है। इसरो ने लॉन्चिंग के बाद बयान में कहा कि यह मिशन भारत के अंतरिक्ष मिशन में मील का पत्थर साबित होगा। इस मिशन में दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में परस्पर जोड़ा और अलग किया जाएगा।इसरो के अधिकारियों के अनुसार, इस मिशन की सक्सेस भारत के आगामी मिशनों चंद्रयान-4, खुद का स्पेस स्टेशन और चांद पर भारतीय यात्री का पैर रखना जैसे सपनों को साकार करेगी

इसरो ने कहा कि पीएसएलवी रॉकेट में दो अंतरिक्ष यान- स्पेसक्राफ्ट ए (एसडीएक्स01) और स्पेसक्राफ्ट बी (एसडीएक्स02) को एक ऐसी कक्षा में रखा जाएगा जो उन्हें एक दूसरे से पांच किलोमीटर दूर रखेगी। बाद में, इसरो मुख्यालय के वैज्ञानिक उन्हें तीन मीटर तक करीब लाने की कोशिश करेंगे, जिसके बाद वे पृथ्वी से लगभग 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर परस्पर मिलकर एक हो जाएंगे। इस प्रक्रिया को डॉकिंग कहते हैं। इसके बाद इन दोनों उपग्रहों को अलग यानी अन डॉकिंग भी किया जाएगा।

खास क्लब में होगी एंट्री

भारत ने इससे पहले अंतरिक्ष में इस तरह का प्रयोग नहीं किया है। अगर ऐसा करने में इसरो सफल हो जाता है तो दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा। इससे पहले अंतरिक्ष में यह कारनामा सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस ही कर पाए हैं।

अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि इसरो का रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) दो उपग्रहों एसडीएक्स-एक और एसडीएक्स-दो को 476 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित करेगा और जनवरी के पहले सप्ताह में अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (स्पैडेक्स) का प्रयास करेगा।

इसरो ने कहा, ‘‘स्पैडेक्स कक्षीय डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जो भविष्य में मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है

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