भोपाल से सुबोध अग्निहोत्री
चम्बल संभाग में पुलिस और प्रशासन का काम अब अवैध उत्खनन को रोकना नही बल्कि उसी में लिप्त हो जाना रह गया है।खासकर भिण्ड जिले के पुलिस अफसरान कानून व्यवस्था का मूल काम छोड़ कर रेत उत्खनन में अपनी जड़ें मजबूत करने में लग गए हैं।भिण्ड की इन्ही कारगुजारियों की खबर जब भोपाल तक पहुंची और सोशल व प्रिंट मीडिया में ये खबरें सुर्खियों में आई तो मुख्यमंत्री ने एक दो को हटाने की बजाय ऑपरेशन चम्बल करना ही उचित समझा।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने सारे घर के बदल डालो की तर्ज पर कमिश्नर,आई.जी. कलेक्टर,एस. पी.को हटा कर यह संदेश दे दिया है कि अवैध उत्खनन पर अब सख्ती से कार्यवाही होगी।इसके पूर्व लगभग पांच निरीक्षकों को न सिर्फ निलंबित किया गया वरन उन्हें पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया।
भिण्ड जिले में एक समय में जो थाने बतौर सजा माने जातेथे उन थानों मसलन अमायन,भारोली, रौंन,फूप आदि में पोस्टिंग के लिए बोलियां लगने लगीं।पुलिस का काम ट्रकों की गिनती करना और उनसे वसूली करना भर रह गया। अवैध उत्खनन की अवैध वसूली में कई थानेदारों ने मोटा माल कमाया ओर ऊपर तक खिलाया।अभी हाल ही में चम्बल डी आई जी बनकर पहुंचे राजेश हिंगणकर ने सबसे पहिले रेत के अवैध उत्खनन पर नकेल कसी और ताबड़तोड़ ऐसी कार्यवाही की कि अफसर और वे नेता धराशायी हो गए जो इस कारोबार में लिप्त होकर दरोगा जी की पोस्टिंग कराते थे।जो काम आईजी रहते डी पी गुप्ता नही कर सकें वह काम डी आई जी ने न सिर्फ किया वरन वाहवाही भीलूटी।
आई जी चम्बल पर रेत के करोबार में लिप्त होने के कई मामले प्रकाश में आये और उन्हें कई बार इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा।रेत के अवैध उत्खनन पर पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने जब आई जी की कर्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए तो आई जी ने इसमें सुधार का आश्वासन दिया।फिर विधायक घनश्याम सिंह ने आरोप लगाए तो वहाँ सफाई देने पहुंच गए।इतनी बड़ी पोस्ट औऱ काम ऐसा कि लोग मजाक उड़ाने लगे । वर्षो से चल रहे रेत के इस अवैध कारोबार में कई लोगो की किस्मत ने ऐसा पलटा मारा कि सायकल पर चलने वाले महंगी गाडियोमे चलने लगे।रेत कारोबार के इस अंतहीन सिलसिले को फिलहाल तो विराम लगा है।लेकिन कब तक ?