जबलपुर में महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा विनोद जैन ने बीते दिनों अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी. जिसमें उन्होंने औरंगजेब की तुलना परशुराम से की थी. इस पोस्ट के सामने आने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस पर कटाक्ष करना शुरू कर दिया था. लोगों को कहना था कि कांग्रेस सनातन विरोधी है.
इस पोस्ट के आने के बाद जबलपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने रेखा विनोद जैन के खिलाफ एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था. जिसमें इस बात का उल्लेख था कि वे कांग्रेस पार्टी की सदस्य हैं. भारत का संविधान और कांग्रेस पार्टी के नियम इस बात की इजाजत नहीं देते कि कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता किसी जाति, धर्म या संप्रदाय के खिलाफ कोई टिप्पणी करे. कांग्रेस ने खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हुए रेखा विनोद जैन से जवाब मांगा था.
सौरभ शर्मा ने बताया “रेखा विनोद जैन ने जवाब दे दिया है और उन्होंने अपने लिखित पत्र में इस बात की माफी मांगी है कि गलती से उनसे यह पोस्ट अपने सोशल मीडिया पर जारी हो गया. यह उनके विचार नहीं हैं किसी और के विचार थे. वह कुछ और पोस्ट डालना चाह रही थीं लेकिन अनजाने में उनसे यह पोस्ट जारी हो गया.”
सौरभ शर्मा का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा में यही अंतर है कि यदि एक कांग्रेसी कार्यकर्ता से गलती हुई तो उसने तुरंत माफी मांगी. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रह्लाद पटेल ने जनता को भिखारी कहा और आज तक इस बात की माफी नहीं मांगी. रेखा विनोद जैन का कहना है, “उनकी मंशा बिल्कुल ऐसी नहीं थी. उन्होंने यह पोस्ट पढ़ी थी, दिल्ली के किसी ब्राह्मण लेखक ने इसको लिखा है. फिर भी उनके फेसबुक से यह पोस्ट हुआ इसलिए वह माफी मांगती हैं.”
सोशल मीडिया की इस पोस्ट में लिखा था कि औरंगजेब ने जिस तरह अपने भाइयों की हत्या की, इसी तरह तो परशुराम ने भी अपनी मां की हत्या की थी. लेकिन धार्मिक मानसिकता के लोग परशुराम के मंदिर बनवाते हैं और औरंगजेब को गलत मानते हैं.