काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग के बीच शुरू हो गया है। शासन का निर्देश मिलने के बाद मंदिर प्रशासन ने कार्यदायी संस्था को काम कराने की इजाजत दी है। इसके पहले रविवार की रात में पूरे कार्यस्थल को सील कर दिया गया है। कार्यस्थल पर एजेंसी के कर्मचारियों के अलावा किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है।
339 करोड़ रुपये से काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा तट तक बनने वाले विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य 17 जनवरी को शुरू हुआ था। पहले चरण में कार्यदायी संस्था पीएसपी ने सिटी म्यूजियम निर्माण चालू किया। इसके अलावा पाइलिंग, नींव और बेसमेंट का भी काम शुरू था। बड़ी-बड़ी मशीनों के जरिए युद्धस्तर पर काम चल रहा था कि 21 मार्च को जनता कर्फ्यू और 22 मार्च को लॉकडाउन के आदेश के बाद मंदिर प्रशासन ने निर्माण कार्य बंद करा दिया। तब से निर्माण में लगे 150 मजदूरों और 30 अन्य कर्मचारियों को कार्यस्थल पर ही रोक दिया गया। कार्यदायी संस्था की ओर से उन्हें भोजन और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति की जा रही थी। लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हो रहे कार्यों को शुरू कराने के लिए मंदिर प्रशासन ने शासन के अधिकारियों से बातचीत शुरू की। दो-तीन दिन से शुरू बातचीत के बाद शासन ने शर्तों के साथ अनुमति दे दी है।
मंदिर के सीईओ विशाल सिंह ने मीडिया को बताया कि शासन से अनुमति मिलने के बाद कार्यदायी संस्था और निगरानी कर रही संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर काम शुरू कराने पर कई निर्णय लिये गये। जिसमें कार्यस्थल को शत प्रतिशत सील, मणिकर्णिका घाट की ओर से निर्माण स्थल पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी और काम करने वाले लोगों व परिवहन में लगे वाहनों के लिए अलग से पास किये जाएंगे।