बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान एक अजीब घटना घटी। मंगलवार को दो छात्राएं अपनी समस्या लेकर कलेक्टर के पास पहुंची थीं। छात्राओं की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर ने ड्राइवर को अपने केबिन में बुलाया और दोनों छात्राओं को अपनी गाड़ी में बैठाकर रवाना किया। इसके साथ ही कलेक्टर ने ट्राइबल विभाग के सहायक आयुक्त को भी भेजा और कहा कि छात्राओं की समस्या को तुरंत समाधान करने के लिए उनके स्कूल जाइए। दरअसल, छात्राओं ने कलेक्टर को बताया कि वह लंबे समय से अपनी स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) लेने के लिए परेशान हैं लेकिन स्कूल वाले उनकी टीसी नहीं दे रहे हैं
पूरा मामला बैतूल जिला मुख्यालय से करीब 36 किमी दूर शाहपुर के एक प्राइवेट स्कूल का है। मंगलवार सुबह 11 बजे कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी जनसुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान शाहपुर तहसील की दो छात्राएं परी ठाकुर और पलक ठाकुर आईं। उन्होंने अपनी शिकायत का आवेदन कलेक्टर को दिया।
अपनी शिकायत में उन्होंने कलेक्टर को बताया कि उनका सिलेक्शन मॉडल स्कूल में हुआ है। उन्होंने मॉडल स्कूल में एडमिशन ले लिया है। वह 7वीं और 8वीं क्लास की छात्राएं हैं। मॉडल स्कूल में टीसी मांगी जा रही है लेकिन पहले जिस प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थीं वह स्कूल टीसी देने से माना कर रही हैं। बच्चों ने बताया कि उनके परिजन फीस नहीं जमा कर पाए जिस कारण से स्कूल टीसी देने से इंकार कर रहें हैं।
बच्चों की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने अपनी गाड़ी से दोनों छात्राओं को स्कूल भेजा और उनके साथ सहायक आयुक्त शिल्पा जैन को भी भेजा। जिसके बाद जैन बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचीं और तुरंत टीसी भी दिलवाई। टीसी मिलने के बाद बच्चे काफी खुश हैं। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि दोनों बच्चों के परिजनों ने पिछले चार साल से फीस नहीं भरी गई थी। दोनों की की फीस करीब 70 हजार रुपये हो गई थी। कलेक्टर ने फीस माफ करवाते हुए बच्चों को टीसी दिलवा दी।