जबलपुर। मध्यप्रदेश में किसानों और गरीबों को बिजली बिल पर सब्सिडी मिलती है। किसान और गरीब जितनी बिजली की खपत करते हैं उसका एक न्यूनतम हिस्सा जमा कराना होता है शेष रकम सरकार अपने अकाउंट से बिजली कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर कर देती है परंतु अब ऐसा नहीं होगा। किसान हो या गरीब मजदूर उसे पूरा बिजली बिल भरना होगा। फिर कंपनी सरकार को बिल प्राप्ति की सूचना देगी और सरकार हितग्राही के बैंक अकाउंट में सब्सिडी की रकम ट्रांसफर करेगी।ऊर्जा विभाग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। शुरुआत में विदिशा, झाबुआ और सिवनी जिले में इसे लागू किया जा रहा है। तकनीकी समस्याओं का आकलन करने के बाद यह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम प्रदेशभर में लागू होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस योजना की जरूरत क्या है। सरकार की दलील कुछ भी हो परंतु मध्य प्रदेश का व्यावहारिक अनुभव एवं ज्ञान बताता है कि ऐसा करने से बिजली कंपनी को उपभोक्ताओं से पूरी रकम वसूली का मौका मिलेगा और सरकार सब्सिडी की रकम ट्रांसफर करने से आनाकानी भी कर सकती है। कर्मचारियों के मामले में सरकार ऐसा ही कर रही है।रसोई गैस सिलेंडरों पर सब्सिडी की तरह ही प्रदेश बिजली कनेक्शनों पर भी यही व्यवस्था करने जा रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री कृषि पंप कनेक्शन में सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलती है। किसानों के हिस्से का 92% बिल प्रदेश सरकार हर साल बिजली कंपनी को सीधे जमा करती है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम में किसानों को बिजली बिल की पूरी राशि पहले जमा करना पड़ेगी। इसमें आठ फीसद राशि खुद की और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की राशि 92% रहेगी। बाद में यह 92% राशि किसानों के खाते में जमा हो जाएगी।
इसी तरह से इंदिरा गृह ज्योति योजना और संबल योजना के हितग्राहियों को भी बिल का पूरा भुगतान करना होगा। ऐसे उपभोक्ता जिनकी खपत 100 यूनिट होती है उनका बिल मौजूदा दर के हिसाब से 634 रुपये होता है। सब्सिडी में उपभोक्ता को 100 रुपये का बिल ही जमा करना होता है। इस योजना के लागू होने के बाद उपभोक्ता को 634 रुपये का बिल जमा करना होगा। सब्सिडी के 534 रुपये उपभोक्ता के खाते में सरकार जमा करेगी। इसी तरह से मासिक खपत 150 यूनिट तक रहने पर 918 रुपये के बिल का पूरा भुगतान करना होगा। बाद में सरकार सब्सिडी के 534 रुपये उपभोक्ता के खाते में डालेगी। अभी उपभोक्ता को केवल 384 रुपये का बिल जमा करना होता है।उपभोक्ता के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और लैंड रिकॉर्ड आदि की जानकारी बिजली कंपनी जुटा रही है ताकि इस योजना को ठीक तरीके से लागू किया जा सके।
– घरेलू गैस की तरह ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना बिजली उपभोक्ताओं पर लागू करने की योजना है। अभी प्रदेश के तीन शहरों में पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ होगा। दो-तीन माह में इसे शुरू किया जा रहा है। इसके आधार पर अन्य जगह इसे लागू किया जायेगा। योजना किस ढंग से लागू होगी, इसे लेकर गाइडलाइन बन रही है।