केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों से ‘बात करने को तैयार’ है लेकिन चर्चा ‘तीन क़ानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर नहीं होगी.’
केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान कथित आपराधिक घटनाओं को लेकर भी सवाल उठाए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने आरोपों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ‘लोकंतत्र में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है.’
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री के बयान को सरकार का ‘साहूकारी अंदाज़’ बताया है. उन्होंने कथित आपराधिक घटनाओं की जांच कराने और क़ानून के मुताबिक कार्रवाई करने की मांग की है.
सरकार और किसान संगठन बीते करीब सात महीने से आमने-सामने हैं. किसानों के कई संगठन तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग के साथ आंदोलन कर रहे हैं. कई किसान दिसंबर से राजधानी दिल्ली की सीमा पर जमे हुए हैं.
जनवरी तक सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई लेकिन 22 जनवरी के बाद से सरकार और किसानों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. किसान संगठनों ने मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और बातचीत दोबारा शुरू करने की मांग की थी लेकिन अभी तक दोबारा बातचीत शुरू नहीं हुई है.
बातचीत के मुद्दे पर कृषि मंत्री तोमर ने शुक्रवार को कहा, ” सरकार आंदोलनकारी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. अगर वो आधी रात को आते हैं तो भी हम तैयार हैं लेकिन तीन क़ानूनों को रद्द करने की उनकी मांग पर चर्चा नहीं होगी.”
आरोप दुर्भाग्यपूर्ण
किसान आंदोलन के मुद्दे पर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी बोले. उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान लग रहे आरोपों की चर्चा की और इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “ये जो रिपोर्ट आ रही हैं, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. पहले बलात्कार की रिपोर्ट आई, फिर अभी जो हो रहा है वहां पर… हमारा शुरू से ये मानना है कि जहां तक किसान आंदोलन है उनके जो मुद्दे हैं, हम उनके समाधान को उत्सुक हैं लेकिन ऐसे आंदोलन में कौन अंदर आ गया, क्या उनकी मोटिवेशन है इसकी तो पूरी जांच होनी चाहिए.”
हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को जानकारी दी थी कि जींद ज़िले के रहने वाले एक व्यक्ति को कथित तौर पर ‘किसान आंदोलन के धरना स्थल पर आग लगा दी गई थी.’
पुलिस के मुताबिक इस मामले में मरने वाले व्यक्ति के ‘भाई के बयान के आधार केस दर्ज किया गया है. पहले हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था जो बाद में हत्या के केस में तब्दील हो गया.’
इसके पहले हरियाणा पुलिस ने नौ जून को जानकारी दी थी कि किसान आंदोलन में हिस्सा लेने ‘पश्चिम बंगाल से टिकरी बॉर्डर आई युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में एक अभियुक्त को गिरफ़्तार किया गया है.’
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
इन घटनाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी चिंता जाहिर की है. पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “लोकतंत्र में आंदोलन के लिए स्थान है लेकिन लोकतंत्र में अपराध के लिए स्थान नहीं है. “