दुनिया के कई देशों ने अपने बच्चों को कोरोना रोधी टीका लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत के 40 करोड़ बच्चों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जायकोव-डी के बच्चों वाले टीके को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन कीमत पर विवाद के कारण यह अभी बाजार में नहीं आ पा रहा है।
इसके पहले आईसीएमआर-एनआईवी की निदेशक ने सितंबर तक बच्चों का कोरोना टीका आने का दावा किया था, लेकिन दाम पर सहमति नहीं बनने के कारण ऐसा नहीं हो सका। सूत्रों के मुताबिक सरकार टीके के दाम में कमी चाहती है। जायकोव-डी टीके को लगाने के लिए सूई की जगह जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए अप्लीकेटर की भी जरूरत पड़ती है। सरकार इंजेक्टर और अप्लीकेटर का भी दाम कम कराना चाहती है।