पाकिस्तान की चाहे कितनी भी फजीहत क्यों न हो जाए, वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर राग अलापने से बाज नहीं आता। शनिवार को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मगर हर बार की तरह इस बार भी भारत ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई और आतंकवाद पर उसे आईना दिखा दिया। हालांकि, इस बार इमरान खान को करारा जवाब देने वालीं भारत की बेटी का नाम है स्नेहा दुबे। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के सारे पाप गिनाए और कहा कि आंतकियों को पनाह देना और आतंकवाद का खुला समर्थन करना पाकिस्तान का इतिहास रहा है। तो चलिए जानते हैं आखिर कौन हैं स्नेहा दूबे, जिनकी चर्चा खूब हो रही है।
कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा जवाब देने वालीं भारत की बेटी स्नेहा दुबे 2012 बैच की आईएफएस (भारती विदेश सेवा) अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गोवा से की है। इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और अंत में दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल किया।
जब से वह 12 वर्ष की थीं, तभी से वह भारतीय विदेश सेवा में शामिल होना चाहती थीं और वर्ष 2011 में अपने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा पास कर गईं। घूमने-फिरने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि आईएफएस ऑफिसर बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का बेहतरीन मौका मिला है। स्नेहा अपने परिवार में सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाली पहली हैं। उनके पिता एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं जबकि उनकी मां एक स्कूल टीचर हैं।
विदेश सेवा के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी। फिर अगस्त 2014 में उन्हें मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास भेज दिया गया। स्नेहा वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव हैं। यहां बताना जरूरी है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे, जहां वह पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेर सकते हैं।
यह एक ऐसा देश (पाकिस्तान) है जो खुद को फायर फाइटर बताकर आगजनी करता है : स्नेहा दुबे, संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रथम सचिव@MEAIndia pic.twitter.com/td48oDowzz
जानें स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कैसे पाक को धोया
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर मुद्दे का राग अलापने पर भारत की स्नेहा दूबे ने उसके जवाब में कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवादी बेरोक-टोक आ जा सकते हैं। वह ‘आग को भड़काने वाला” है जबकि खुद को ”आग बुझाने वाले” के रूप में पेश करने का दिखावा करता है और पूरी दुनिया को उसकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि पाक आतंकवादियों को पालता है।संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को कहा, ‘पाकिस्तान के नेता द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को विश्व मंच पर लाने और झूठ फैलाकर इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के एक और प्रयास के प्रत्युत्तर में हम जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।’
युवा भारतीय राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा, ”इस तरह के बयान देने वालों और झूठ बोलने वालों की सामूहिक तौर पर निंदा की जानी चाहिए। ऐसे लोग अपनी मानसिकता के कारण सहानुभूति के पात्र हैं।” दुबे ने कहा, ‘हम सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का शिकार’ है। यह वह देश है जिसने खुद आग लगायी है और आग बुझाने वाले के रूप में खुद को पेश करता है। पाकिस्तान आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल अपने पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया को उनकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरी ओर, वे अपने देश में सांप्रदायिक हिंसा को आतंकवादी कृत्यों के रूप में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।’
पीओके जल्दी खाली करो: भारत
जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए दुबे ने दृढ़ता से दोहराया कि समूचे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख ‘हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।’ खान और अन्य पाकिस्तानी नेताओं और राजनयिकों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा और विश्व संगठन के अन्य मंचों पर अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर और भारत के अन्य आंतरिक मामलों के मुद्दे को लगातार उठाया है। कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयासों को अंतराष्ट्रीय समुदाय और सदस्य देशों से कोई फायदा नहीं हुआ है, क्योंकि वे मानते हैं कि कश्मीर दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय मामला है।
दुबे ने कहा कि यह खेदजनक है और यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठ फैलाने और दुष्प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का ”दुरुपयोग” किया है और दुनिया का ध्यान अपनी ओर से हटाने का भरसक प्रयास किया है। उनके देश में जहां आतंकवादी बेरोक टोक खुलेआम आ जा सकते हैं, जबकि आम लोगों विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जीवन इसके उलट हो जाता है।”
इस महीने अंतरराष्ट्रीय समुदाय ‘भीषण 9/11 आतंकी हमलों के 20 साल पूरा होने पर घटना को याद कर रहा है।” दुबे ने कहा कि दुनिया यह नहीं भूली है कि ”उस भयावह घटना के लिए जिम्मेदार मुख्य साजिशकर्ता ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण मिली थी। आज भी, पाकिस्तानी नेतृत्व उसे ‘शहीद’ के रूप में महिमामंडित करता है।’ उन्होंने कहा, ‘अफसोस की बात है कि आज भी हमने पाकिस्तान के नेता को आतंकी कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते सुना। आधुनिक दुनिया में आतंकवाद का ऐसा बचाव अस्वीकार्य है।’
आतंकियों को पहान देता है पाकिस्तान
स्नेहा दुबे ने कहा कि भारत, ”पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ” सामान्य संबंध चाहता है। हालांकि, भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान को इस दिशा में अनुकूल माहौल बनाने के वास्ते ईमानदारी से काम करना होगा, जिसमें विश्वसनीयता, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है। उन्होंने कहा कि सदस्य देश इस बात से अवगत हैं कि पाकिस्तान का एक स्थापित इतिहास और आतंकवादियों को पनाह देने, उनकी सहायता करने और खुलकर समर्थन करने की नीति रही है। दुबे ने कहा कि विश्वभर में माना जाता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का खुले तौर पर समर्थन करता है, उन्हें प्रशिक्षण देता है, उन्हें धन मुहैया कराता है और उन्हें हथियार देता है। भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकवादियों को रखने का घटिया रिकॉर्ड पाकिस्तान के पास है।” उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान ऐसा देश भी है जो हमारे क्षेत्र में और अब के बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार को अंजाम देने का प्रयास करता है, जिसे हम इतिहास की उस भयानक घटना के 50 साल पूरा होने के रूप में याद करते हैं, जबकि पाकिस्तान की ओर से इस संबंध में कभी भी कोई जवाबदेही नहीं ली गई।’
इमरान ने क्या जहर उगला था
इमरान खान ने शुक्रवार को ‘संयुक्त राष्ट्र आम चर्चा में लगभग 25 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति कश्मीर मुद्दे के र्वमाधान पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों की तरह भारत के साथ भी ‘शांति’ चाहता है। उन्होंने कहा, ”संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू कश्मीर के समाधान पर निर्भर है।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से गिलानी के पार्थिव शरीर को उचित इस्लामी रस्मों के साथ ”शहीदों के कब्रिस्तान” में दफनाने की अनुमति मांगी। खान ने अफगानिस्तान पर कहा, ”किसी कारण से अमेरिका और यूरोप के नेता इन घटनाओं के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहे हैं। इस मंच से मैं सभी को यह बताना चाहता हूं कि अफगानिस्तान के अलावा जिस देश को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, वह पाकिस्तान ही है, जब हम 9/11 की घटना के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में शामिल हुए।”
साभार हिंदुस्तान