प्रवीण दुबे
मध्यप्रदेश ही नहीं देशभर में राजनीति को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख शहरों में शामिल ग्वालियर लोकसभा चुनाव की दृष्टि से सुस्त पड़ा हुआ है। न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में कोई चुनावी करंट दिखाई दे रहा है और ना ही ग्वालियर की जनता चुनावों को लेकर उत्साहित नजर आ रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज मुरैना में आयोजित हो रही प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी सभा क्या ग्वालियर के सुस्त चुनावी माहौल में उत्साह का संचार कर पाएगी ?
ग्वालियर के ठंडे पड़े चुनावी माहौल के पीछे कई अन्य कारणों के अलावा मुख्य बात यह भी है कि दोनों परस्पर प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों द्वारा विधानसभा चुनावों के पिटे पिटाए मोहरों को चुनावी मैदान में उतारा गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की इस मतवपूर्ण लोकसभा सीट से भाजपा ने जहां पिछला चुनाव कांग्रेस से हार चुके भारत सिंह को मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने भी कुछ इसी प्रकार की कहानी को दोहराते हुए विधानसभा चुनाव भाजपा से हारने वाले प्रवीण पाठक को खड़ा किया है।
चूंकि ग्वालियर में तीसरा कोई दल मजबूत नहीं है अतः दोनो हारे हुए प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हो रहा है। यही वजह है कि शहर में चुनाव माहौल पूरी तरह ठंडा पड़ा हुआ है।
इसके पीछे कुछ अन्य कारण भी हैं सबसे बड़ी बात तो यह है कि।वर्तमान में ग्वालियर की राजनीति में सत्ताधारी दल बीजेपी के दो ऐसे बड़े नेता हैं जिनका की जनता के बीच अच्छा जनाधार है ये नेता हैं जयविलास से जुड़े केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे नेता हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री जो कि वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष हैं नरेंद्र सिंह तोमर ,पार्टी ने इन दोनो ही नेताओं को ग्वालियर की सक्रीय राजनीति से जैसे बेदखल सा कर दिया है। सिंधिया को गुना संसदीय सीट से उतारा गया है जबकि नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर तैनात हैं । यही कारण है ग्वालियर लोकसभा में इन बड़े नेताओं की सहभागिता शून्य होने से कार्यकर्ताओं में भी जोश ठंडा दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं ग्वालियर से टिकट की आस लगाए बैठे जयभान सिंह पवैया,प्रभात झा,विवेक शेजवलकर,यशोधराराजे सिंधिया,अनूप मिश्रा जैसे कई बड़े पार्टी नेताओं की निराशा से भी माहौल ठंडा बना हुआ है।
सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि पार्टी नेतृत्व का ध्यान भी अभी तक ग्वालियर की ओर नहीं गया है। पार्टी के किसी भी बड़े नेता की सभा या रोड शो ग्वालियर में फिलहाल आयोजित नहीं हुआ है। पहले यह माना जा रहा था प्रधानमंत्री मोदी के मध्यप्रदेश के चुनावी दौरे के समय हमेशा की तरह ग्वालियर में बड़ी सभा से चुनावी माहौल गर्माने के प्रयास किए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी की बीते रोज पूरे दिन मध्यप्रदेश के कई शहरों में सभाएं आयोजित की गई शाम को भोपाल में भी लगभग 3 घंटे का रोड शो हुआ लेकिन ग्वालियर को उनका कार्यक्रम नहीं मिल सका ,आज भी एकबार फिर वे ग्वालियर चंबल अंचल के मुरैना में बड़ी चुनावी सभा को संबोधित करने आ रहे हैं लेकिन उनके ग्वालियर आने का कार्यक्रम न होने से पार्टी कार्यकर्ताओं सहित आमजन के भी बीच निराशा देखी जा रही है।
ग्वालियर में सुस्त पड़े चुनावी माहौल को देखते हुए अब इस बात की चिंता भी बलवती होने लगी है कि इसका असर मतदान प्रतिशत को भी प्रभावित कर सकता है। इसके लिए दोनों ही प्रतिद्वंदी दलों को चुनाव के प्रति जनता में उत्साह का संचार करने के लिए तत्परता दिखानी होगी।