प्रवीण दुबे
भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची अब सितंबर के आखिरी सप्ताह तक अटक सकती है. जन आशीर्वाद यात्रा के कारण बीजेपी की दूसरी सूची अटकी है. जन आशीर्वाद यात्रा में बीजेपी ने ताकत झोंक रखी है. बीजेपी का 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ होना है. ऐसे में महाकुंभ के बाद दूसरी सूची आने के आसार दिख रहे हैं.।
पार्टी से जुड़े अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक भाजपा की प्रदेश समिति के बाद दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा विधानसभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची तीन दिन पूर्व ही लगभग तय कर दी गई थी। इस सूची में पिछले चुनाव में हारे विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया । पहली सूची में भी ऐसे ही 39 हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए थे।
तीन दिन पूर्व ऐसा माना जा रहा था कि भाजपा द्वारा दूसरी सूची तय होने के बाद कभी भी जारी की जा सकती है। लेकिन आज खबर लिखे जाने तक भाजपा ने दूसरी सूची जारी नहीं की है।
इसबारे में सूत्रों से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि 25 सितंबर को प्रधानमंत्री के भोपाल कार्यक्रम से पूर्व पार्टी के भीतर किसी प्रकार के कोई आक्रोश के स्वर सुनाई दें। चूंकि दूसरी सूची में कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पार्टी के अलग अलग छत्रपों से जुड़े कई समर्थक टिकिट मांग रहे हैं और जब यह सूची जारी होगी तो जिसे टिकट नहीं मिला वह बगावती तेवर अपना सकता है। ऐसा पहली सूची के बाद भी देखने को मिला था।
सूची को रोकने के पीछे एक अन्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि हाल ही में मध्यप्रदेश में आरएसएस के पूर्व प्रचारकों द्वारा जनहित पार्टी नाम से एक नए राजनीतिक दल का गठन किया गया है। यह दल पूर्णतः उसी वैचारिक अधिष्ठान पर आधारित हैं जिसपर कि भाजपा चलती है। इस राजनीतिक दल ने जहां अपने सम्मेलन शुरू कर दिए हैं वहीं जिस दिन भोपाल में प्रधानमंत्री आ रहे हैं उससे एक दिन पूर्व ग्वालियर में इस नए दल का संभागीय सम्मेलन होने जा रहा है।
ऐसी स्थिति में भाजपा नेतृत्व को लगता है कि जिन्हें टिकट नहीं मिला वे नए संविचारी दल की ओर पलायन कर सकते हैं जो भाजपा के लिए बहुत परेशानी भरा हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार सुरेश डंडोतिया
इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक श्री सुरेश डंडोतिया का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा की दूसरी सूची को प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी प्राप्त हो चुकी है इसके बावजूद उसे जारी नहीं किया जाना अब कई सवाल खड़े कर रहा है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री के भोपाल प्रवास को देखते हुए पार्टी का प्रदेश नेतृव यह नहीं चाहता कि किसी भी प्रकार की अंतर्कलह सामने न आए इसी कारण सूची को फिलहाल टाल दिया गया है।