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क्या रामभक्त पवैया होंगे ग्वालियर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी …?

प्रवीण दुबे

राम भक्त जयभान सिंह पवैया: “राम काज किन्हें बिनु मोहि कहाँ विश्राम”

विश्व हिंदू परिषद द्वारा 80 के दशक में प्रारंभ किए गए श्री राम जन्म भूमि मंदिर आंदोलन के प्रमुख पुरोधाओं में से एक और वर्तमान में भाजपा महाराष्ट्र के सह प्रभारी की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया आज पूरे हो हल्ले के साथ भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या रवाना हो गए वे ग्वालियर के एकमात्र ऐसे नेता या धर्म योद्धा हैं जिन्हें अयोध्या के इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

उन्होंने अयोध्या रवाना होने से पूर्व जहां धार्मिक विधिविधान से ग्वालियर के पुरातन हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की वहीं उन्होंने 90 और 92 की कारसेवा के बलिदानी कारसेवकों के परिवारजनों से भी मुलाकात की।
एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह रही कि श्री जयभान सिंह पवैया  ने मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश की सीमा पर स्थापित चंबल के उस पुल पर भगवा पताका फहराते दिखाई दिए जहां 90 में उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने कारसेवकों को रोकने के लिए दीवाल खड़ी कर दी थी बल्कि उनपर गोली भी चलवाई थी।
निसंदेह श्री पवैया का कार्य करने का अपना एक अलग ही तरीका होता है और उसके पीछे की मुख्य बात यह होती है कि वे जो भी कुछ करते हैं उसमें पार्टी संगठन की रीति नीति के साथ तमाम समसामयिक संदेश छुपे रहते हैं।
आज भी अयोध्या जाने से पूर्व उन्होंने जो कुछ किया उसके पीछे भी बहुत कुछ संदेश छुपे हैं। एक तरफ उन्होंने राममंदिर निर्माण के लिए तमाम कारसेवकों के बलिदान को कभी विस्मृत न करने का संदेश दिया वहीं उन्होंने 90 से लेकर 92 तक मंदिर आंदोलन पर मुलायम सिंह जैसे हिंदू विरोधी नेताओं की बर्बरता को भी पुनः स्मरण कराने का प्रयास किया।
साथ ही  जय श्री राम की हर्ष ध्वनि के साथ पूजा और भगवा ध्वजारोहण करके संदेश दिया कि यह उत्सव मनाने की घड़ी है भगवान राम पधार रहे हैं।
श्री जयभान सिंह पवैया   को अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का सौभाग्य इस कारण मिला क्योंकि मंदिर आंदोलन के समय बजरंगदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण उनकी इसमें बहुत बड़ी भूमिका थी,उन्होंने प्रभु राम की खातिर अपनी नौकरी तक को आहूत कर दिया था। लेकिन आज की बात करें तो अब वे भाजपा के सदस्य हैं और पूर्व में सांसद,राज्य सरकार में मंत्री सहित अनेक पदों पर रह चुके हैं।
 चूंकि लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं और श्री  पवैया
को लोकसभा प्रत्याशी हेतु प्रबल दावेदार माना जा रहा है अतः आज जिस धूम धड़ाके के साथ उन्होने अयोध्या कूच किया है उनके तमाम राजनीतिक प्रतिद्वंदी इसे चुनावी राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं यह चर्चा जोरों पर है कि श्री  पवैया
 ने अयोध्या रवानगी को फोकस करते हुए अपने शुभ चिंतकों को एकजुट करने का माध्यम बनाकर अपनी राजनीतिक संगठनात्मक मजबूती का संदेश दिया है। इसके पीछे आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ग्वालियर सीट से खुद को बड़ा दावेदार निरूपित करना है।
अब इस चर्चा में कितना दम है इस बारे में कुछ भी कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी लेकिन इतना अवश्य है कि लोकसभा चुनाव हेतु ग्वालियर सीट से श्री जयभान सिंह पवैया के अलावा भाजपा के पास फिलहाल कोई मजबूत दावेदार नहीं है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया,यशोधरा राजे जैसे नाम भी ग्वालियर से लिए जा रहे हैं लेकिन ज्योतिरादित्य को ग्वालियर से बीजेपी प्रत्याशी बनाएगी इसकी संभावना कम ही है ऐसा इसलिए क्यों कि गुना उनका परंपरागत चुनाव क्षेत्र रहा है और पिछला चुनाव वे गुना से हार गए थे अतः पार्टी इसबार चाहेगी कि वह यहीं से चुनाव जीतकर अपनी योग्यता सिद्ध करें।
  जहां तक यशोधरा राजे सिंधिया का सवाल है वे पहले ही अपनी तबियत खराब होने का हवाला देकर विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर चुकीं हैं । साथ ही महल से किसी एक को ही लोकसभा का टिकट दिया जाएगा।
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