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खालिस्तान समर्थकों को जरूर देखना चाहिए यह तस्वीर

प्रवीण दुबे

पंजाब के खालिस्तान समर्थकों को आज  भारतीय सेना  द्वारा जारी  बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले पांच जवानों के नाम व उनकी तस्वीरें जरूर देखना चाहिए शहीद हुए 6 जवानों में से पांच जवान पंजाब तो एक जवान ओडिशा से हैं।  नगरोटा स्थित सेना की 16वीं कोर के शहीद जवानों में हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देवाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सेवक सिंह हैं। आंखें नम हो जाती हैं देश के प्रति प्राण न्यौछावर करने की यह घटना देखकर भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने देने वाले जवान उसी पंजाब के हैं जहां से कुछ भटके हुए अलगाववादी  सिख पिछले कई वर्षों से खालिस्तान की मांग करते देखे जा रहे हैं। पिछले दिनों ऐसे ही कुछ सिरफिरे सिक्खों ने  ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग मैं भारतीय तिरंगे का अपमान करने की गंदी हरकत को भी अंजाम दिया था। एक तरफ उसी पंजाब से देश के लिए मर मिटने वाले जवान हैं तो दूसरी ओर देश के टुकड़े करने का ख्वाब संजोए बैठे खालिस्तानी समर्थक। इन लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि सिक्खों ने हमेशा भारत माता की रक्षार्थ अनेक बड़ी कुर्बानियां दी हैं। सिक्खों की गुरु परंपरा ने सदैव देश और धर्म की रक्षा के लिए प्राण उत्सर्ग करना सिखाया है।गुरु गोबिंद सिंह त्याग और बलिदान के सच्चे प्रतीक थे. उनका पूरा परिवार मुगलों से युद्ध में शहीद हो गया था उनके दो बेटे युद्ध में शहीद हुए और दो बेटों को मुगलों ने जिंदा दीवारों में चुनवा दिया था,लेकिन वे झुके नहीं इसी प्रकार देश और धर्म के लिए गुरु तेग बहादुर ने अपना बलिदान दे दिया था लेकिन आताताई मुगलों के आगे झुके नहीं उन्होने काश्मीरी पंडितों तथा अन्य हिन्दुओं को बलपूर्वक मुस्लिम बनाने का विरोध किया। 1675 में मुगल शासक औरंगज़ेब ने उन्हे इस्लाम स्वीकार करने को कहा। पर गुरु साहब ने कहा कि सीस कटा सकते हैं, केश नहीं। इस पर औरंगजेब ने सबके सामने उनका सिर कटवा दिया। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब उन स्थानों का स्मरण दिलाते हैं जहाँ गुरुजी की हत्या की गयी तथा जहाँ उनका अन्तिम संस्कार किया गया था। खालिस्तानी अलगाववादियों को नहीं भूलना चाहिए कि सिख पंथ कभी भी देशद्रोही व अलगाववादी नहीं हो सकता जब तक सिखों के सामने गुरु गोविंद सिंह गुरु तेग बहादुर  की महान गुरु परंपरा विद्यमान है तब तक खालिस्तन का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता हमारी सेना की सिख रेजीमेंट ने देश के लिए बलिदान देने की तमाम मिसालें कायम की हैं पुंछ में हमारे वीर सिक्ख जवानों ने इस परंपरा को एकबार पुनः कायम रखकर यह साबित किया है की इस देश को नुकसान पहुंचाने की किसी भी हरकत को वे बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे उनके प्राण ही क्यों न चले जाएं। shabdshaktinews ऐसे देशभक्त जवानों की शहादत को सादर नमन करता है । जब तक देश के लिए मर मिटने वाले यह जवान रहेंगे तब तक भारत को खंडित करने का ख्वाब कभी पूरा नहीं होगा।

 

 

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