देश में इस साल मानसून सामान्य के करीब रहेगा। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया कि इस वर्ष मानसून दीर्घकाल औसत (एलपीए) के 96 फीसदी रहने की संभावना है, जो कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। एलपीए 1951 से 2000 के बीच बारिश का औसत है, जो 89 सेंटीमीटर है। 90 से 95 फीसदी के बीच एलपीए सामान्य के करीब की श्रेणी में माना जाता है। इससे पहले आशंका थी कि मानसून पर अलनीनो का असर पड़ सकता है। विभाग अगला पूर्वानुमान जून में जारी करेगा।
96 फीसदी भूभाग पर होगी बारिश
मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मानसून देशभर में करीब 96 फीसदी रहेगा। इस पूर्वानुमान में पांच फीसदी का मार्जिन ऑफ ऐरर हो सकता है। खेती के लिए और देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह मानसून जरूरी होता है, क्योंकि जून से लेकर के सितंबर के बीच देश में 70 फीसदी बारिश होती है।
यह होता है सामान्य मानसून
अगर देश में 96 से लेकर के 104 फीसदी बारिश होती है तो फिर उसे सामान्य मानसून माना जाता है। वहीं 90 से 96 फीसदी के बीच हुई बारिश सामान्य से नीचे माना जाता है। 90 फीसदी से कम बारिश को कमजोर मानसून माना जाता है।