त्वरित टिप्पणी प्रवीण दुबे
भाजपा की आज घोषित की गईं राष्ट्रीय कार्यसमिति में ग्वालियर अंचल का कद बेहद वजनदारी के साथ बढ़ा है। मध्यप्रदेश से इसमें शामिल किए चार नेताओं में से तीन नेता ग्वालियर अंचल के हैं। ये नेता हैं नरेंद्र सिंह तोमर,ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा और वीरेंद्र खटीक केवल कैलाश विजयवर्गीय ही मध्यप्रदेश का वह एकमात्र चेहरा हैं जो ग्वालियर अंचल के बाहर से हैं। उल्लेखनीय है कि सत्ता में पहले से ही ग्वालियर के नरेंद्र तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में बेहद प्रभावशाली दर्जा प्राप्त है उधर मध्यप्रदेश की सरकार में नरोत्तम मिश्रा व वीरेंद्र खटीक का दबदबा रहा है। इस प्रकार अब संगठन में ग्वालियर अंचल को भारी भरकम नेतृत्व का मिलना बेहद महत्वपूर्ण बात है, अब सत्ता व संगठन दोनों में ही ग्वालियर का खासा बोलबाला कहा जा सकता है यह बात केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों पर ही लागू होती है। इतना बड़ा कद जहां ग्वालियर अंचल के लिए खुशी की बात है वहीं पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती भी कही जा सकती है। यह चुनौती जनता की आकांक्षाओं को पूरा करना व विकास व जनकल्याण के कार्यों में तेजी लाना होगी। सर्वविदित है कि वर्तमान में ग्वालियर अंचल ख़ासकर के यहां के सम्भागीय मुख्यालय ग्वालियर में जहां सड़कों की हालत बेहद खराब है वहीं बिजली पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की भी बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। नोकरशाह बेलगाम हैं और आए दिन उनके भ्रष्टाचार के तमाम काले कारनामे जनता के सामने आते रहते हैं,अपराधियों के बीच भी पुलिस का कोई भय नहीं रह गया है। महंगाई की बात करें तो देश प्रदेश में सबसे महंगा डीजल पेट्रोल यहीं पर है और तमाम खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं, बाजार पर प्रशासन का नियंत्रण न के बराबर है। तमाम विकास की योजनाएं अधर में हैं केवल सोशल मीडिया पर लोक लुभावन तस्वीरों व कार्यों को प्रशासनिक अमला जारी करके वाहवाही लूटने की कोशिश करता है जबकि सच्चाई इससे कोसों दूर है। स्मार्ट सिटी के नामपर मनमानी का खेल जारी है इसे तोड़ो उसे बनाओ की तर्ज पर काम करके जनता के पैसे की बर्बादी की जा रही है। यह ऐसी विसंगतियां हैं जिनपर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है, अब जबकि ग्वालियर अंचल का सत्ता से लेकर सरकार तक बेहद मजबूत व असरदार नेतृत्व विधमान है आशा की जा सकती है कि अब जन आकांक्षाओं को भी चार चाँद लग सकेंगे।