ग्वालियर / भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दो दिन पूर्व जारी 24 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा के बाद ग्वालियर शहर जिलाध्यक्ष के नाम पर पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा विरोध का स्वर बुलंद किये जाने व सीधे संगठन महामंत्री को निशाना बनाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए ज्ञापन के बाद आज पार्टी नेतृत्व ने डेमेज कंट्रोल की रणनीति पर काम करते हुए कुछ असंतुष्ट नेताओं को मनाकर उनकी गलती का अहसास कराने में सफलता हासिल की। इसके बाद उ बैठक करने वाले कुछ नेताओं ने अपने किये पर पश्चाताप व्यक्त किया है। उक्ताशय की जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने प्रेस को दी। उन्होंने प्रेस को बाकायदा वह पश्चाताप हस्ताक्षर युक्त पत्र भी जारी किया। माना जा रहा है की इसके बाद इस घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया है।
ग्वालियर नगर जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी के जिन कार्यकर्ताओं ने गत दिवस विरोध स्वरूप बैठक करके संगठन के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था उन्होंने आज अपने किए पर पश्चाताप किया है ।
प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा जी को लिखे पत्र में पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा,जय सिंह कुशवाहा , वेद प्रकाश शिवहरे , महेश उमरिया , शरद गौतम और अरुण सिंह तोमर सहित बैठक में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने अपने किए पर क्षमा याचना की है, उन्होंने कहा है कि कल ग्वालियर में कार्यकर्ताओं ने भावावेश में जो टिप्पणियां की थी, उसे हम वापस लेते हैं ।हमारे कृत्य से की पार्टी की प्रतिष्ठा को जो आघात पहुंचा है, हम उसके लिए खेद व्यक्त करते हैं ।
उल्लेखनीय है की विरोध स्वरूप जो जो बैठक आयोजित की गई थी उसमें बड़ी संख्या में नेता उपस्थित थे और जो ज्ञापन राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया उसमें भी 37 नेताओं ने हस्ताक्षर कर अपना विरोध जताया था। अभी यह स्पष्ट नही हो सका है की खेद व्यक्त करने वाले छह नेताओं के अलावा बाकी 31 अन्य नेताओं को अपनी गलती का अहसास हुआ है या वे अभी भी नवनियुक्त अध्यक्ष को हटाए जाने व अन्य आरोपों पर अडिग हैं या नहीं ?