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ग्वालियर के लिए बड़ी खुशखबरी : लबालब होने वाला है तिघरा जलाशय झमाझम बरसात से 735 फीट पहुंचा जलस्तर

प्रवीण दुबे

740 फीट है अधिकतम जलस्तर,जल संसाधन विभाग अलर्ट पर

सौ साल से अधिक पुराना बांध होने के कारण परिस्थिति अनुसार 738 फीट के बाद कभी भी खोले जा सकते हैं सुरक्षा गेट 

ग्वालियर को पेयजल आपूर्ति करने के कारण तिघरा को ग्वालियर की लाइफ लाइन कहा जाता है।

ग्वालियर वासियों के लिए एक बड़ी खुशी की खबर आ रही है,यह खबर है ग्वालियर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध के तेजी से लबालब होने की ओर अग्रसर होते जलस्तर को लेकर,जानकारी के अनुसार खबर लिखे जाने तक तिघरा बांध 734.75 फीट तक भर चुका है और इसी प्रकार मेघ  मेहरबान रहे तो संभावना है कि आने वाले 24 से 48 घंटों के भीतर इसका लेबल 739 पार कर जायेगा।

इसको लेकर जल संसाधन विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि तिघरा बांध का अधिकतम जल स्तर 740 फीट है और सौ वर्ष पुराना बांध होने के कारण अधिकतम निर्धारित स्तर से लगभग 2 फीट पहले ही बारिश की स्थिति को दृष्टिगत रखकर बांध के सुरक्षा गेट खोलने की तैयारी कर ली जाती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले चौबीस घंटों से ग्वालियर चंबल अंचल सहित पूरे मध्यप्रदेश में हो रही जोरदार बारिश के कारण जहां तिघरा के कैचमेंट एरिया से लगातार पानी आ रहा है वहीं तिघरा के सहयोगी पहसारी बांध से तिघरा में पानी छोड़ने का क्रम जारी है। यही वजह है कि तिघरा अपने अधिकतम लेबल की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

इस तरह से अन्य बांधों से आता है तिघरा में पानी

यूं तो ग्वालियर का तिघरा बांध सांक नदी के ऊपर बना हुआ है और इसका अपना लंबा चौड़ा जलभराव परिक्षेत्र है जो मोहना घाटीगांव तक फैला हुआ है लेकिन जल संसाधन विभाग ने इस बात की भी व्यापक व्यवस्था कर रखी है कि यदि तिघरा जलभराव परिक्षेत्र में बरसात कम होने या न होने की स्थिति में भी तिघरा खाली न रहे।
इसके लिए जल संसाधन विभाग ने ग्वालियर से लगभग 40 किलोमीटर पर पार्वती नदी पर बने अपर केकेटो बांध का बहुत शानदार उपयोग करते हुए उससे पानी एक अन्य बांध केकेटो तक पहुंचाने की व्यवस्था की है इतना ही नहीं केकेटो से पुनः 13 किलोमीटर की केनाल बनाकर पानी को पहसारी बांध तक लाया जाता है।

इसके बाद पहसारी से पुनः 13 किलोमीटर की कैनाल बनाई गई है जो पहसारी बांध से पानी को उस सांक नदी तक पहुंचाती है जहां तिघरा स्थित है और यह पानी तिघरा को भरने का काम करता है।
वर्तमान अर्थात अभी की बात करें तो कुछ दिन पहले तक तिघरा अपने कैचमेंट एरिया में बरसात न होने की वजह से लगभग 50 प्रतिशत खाली रह गया था लेकिन पार्वती नदी पर बना अपर केकेटो लबालब होने से वहां का पानी ककेटो के लिए छोड़ना शुरू किया गया था
और केकेटो के भी लबालब होने के बाद पानी को पहसारी और उसके भर जाने के बाद पहसारी का पानी तिघरा को भरने के लिए सांक नदी के लिए छोड़ने का क्रम लगातार जारी है।
यही वजह है कि जो तिघरा लगभग 15 दिन पहले 50 प्रतिशत खाली था लगातार पानी आने से आज की तारीख में केवल 24 प्रतिशत ही खाली है लगभग 76 प्रतिशत भरकर उसका जलस्तर 734.75 पार कर चुका है और पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द ही यह लबालब हो जायेगा।

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