मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टर बुधवार से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए है।
हालांकि भोपाल को छोड़कर अभी प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में हड़ताल का कोई खास असर दिखाई नहीं दिया है। ग्वालियर के जी आर मेडिकल कॉलेज से सम्बंधित जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ धाकड़ ने शब्दशक्तिन्यूस से बातचीत में बताया कि यहां के
जूनियर डॉक्टर फिलहाल हड़ताल पर नहीं हैं और स्वास्थ्य सेवाएं जारी हैं बावजूद इसके उन्होंने बताया कि एक दो जूड़ा भोपाल के समर्थन मे सक्रीय दिखे हैं उनसे उन्होंने खुद बात की है और समझाइश दी है कि यदि उन्हें कोई व्यक्तिगत परेशानी है तो बातचीत करके समाधान निकाला जा सकता है।
उधर भोपाल के हमीदिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी है। इनकी मांग है कि सरकार जुलाई माह में जूडा की हड़ताल में शामिल डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन होल्ड करने के आदेश को वापस ले।
वहीं, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लोकेन्द्र दवे ने कहा कि हमारे यहां पर सीनियर रेजिडेंट, विशेषज्ञ समेत पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हैं। विभाग अनुसार व्यवस्था करने के लिए आदेश दिए गए हैं। मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।
भोपाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशान के अध्यक्ष डॉ. हरीश पाठक ने मीडिया को बताया कि जुलाई माह में जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया था। उसको हाईकोर्ट और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद जूडा ने वापस ले लिया था। इसके बाद भी हमारी साथियों को सरकार की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। जिसका जवाब देने के बाद भी उनका पीजी के बाद होने वाला रजिस्ट्रेशन पर सरकार ने रोक लगा दी।
इसको लेकर जूडा के पदाधिकारी लगातार चिकित्सा मंत्री से मिलने का आग्रह करते रहे। इस मामले को समाप्त करने का निवेदन किया। इसके बावजूद सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इसलिए मजबूर होकर प्रदेश के 6 मेडिकल भोपाल,ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, रीवा और सागर मेडिकल कॉलेज के 3 हजार जूडा डॉक्टर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। इस दौरान जूडा ने अपनी सभी सेवाएं ओपीडी एवं आकस्मिक बंद कर दी है। हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों को वरिष्ठ डॉक्टर देख रहे है। मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।