इस वर्ष पवित्र सावन मास की शुरुआत 25 जुलाई से हो रही है। सावन का महीना इस बार 29 दिनों का होगा और इसमें चार सोमवार पड़ेंगे। 22 अगस्त को सावन का महीना समाप्त होगा, उसी दिन रक्षाबंधन पर्व भी मनाया जाएगा। सावन के मद्देनजर मंदिरों में भी तैयारियां की जा रही हैं।
भगवान शिव की आराधना का पर्व सावन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। भक्त सावन में पड़ने वाले सभी सोमवार को विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना करते हैं। शिवालयों में भी इसके लिए विशेष तैयारियां की जाती हैं। शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिव मंदिरों के पुजारियों के मुताबिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए शिवालयों में भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। महादेव झारखंडी मंदिर प्रबंधन के मुताबिक भक्तों को जागरूक करने के लिए बैनर लगाए जाएंगे। बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय फलदाई
ज्योतिषाचार्य पं. त्रियुगी नारायण शास्त्री ने बताया कि सावन के महीने में प्रत्येक दिन भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया जाता है। सावन में सोमवार का विशेष महत्व है। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों में शिव वास का भी अलग महत्व है। सावन का प्रथम शिव वास 25 जुलाई को प्रात: 6 बजे तक है। उसी दिन भगवान शिव को जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो जाएगा। पहला सोमवार 26 जुलाई को है। 22 अगस्त को रक्षाबंधन का मुहूर्त सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक है। सावन में रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय, सत्यनारायण व्रत कथा अनुष्ठान कराने से रोगों का निवारण, सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।