भोपाल/मुंबई
विचारधारा में विपरीत शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस को मनाने में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि जब गठबंधन के लिए बातचीत में गतिरोध पैदा हुआ तो शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कमलनाथ को कॉल करके मध्यस्थता का आग्रह किया। इसके बाद सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस आलाकमान के साथ अपने विचार साझा किए और इस बात पर जोर दिया कि शिवसेना के साथ आने से पार्टी या फिर इसकी विचारधारा को नुकसान नहीं पहुंचेगा। यही वजह है की अब जबकी गठबंधन का गतिरोध दूर हो गया है और उद्धव ठाकरे आज शपथ लेने जा रहे हैं उन्होंने खुद कमलनाथ को फोन करके शपथग्रहण समारोह में आने का न्यौता दिया है।
जाहिर तौर पर कांग्रेस शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए बहुत ज्यादा इच्छुक नहीं थी, यहां तक कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ 11 नवंबर को मुलाकात के बाद भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई थी। कमलनाथ के करीबी और मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया, ‘सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद शिवसेना के साथ गठबंधन की संभावना लगभग खत्म हो गई थी। महाराष्ट्र चुनाव के कांग्रेस के सभी नेता उस मीटिंग मौजूद थे। वहीं कांग्रेस विधायक शिवसेना से दूरी बनाते हुए जयपुर के रिजॉर्ट में रुके हुए थे।
अपनी विचारधारा से समझौता करने को तैयार नहीं थी कांग्रेस
11 नवंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को साढ़े सात बजे तक सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को कहा। इसी समय कमलनाथ के पास शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता की कॉल आई। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘कांग्रेस अपनी कोर विचारधारा से समझौता नहीं चाहती थी। खासकर दिल्ली, बिहार और झारखंड के चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह रिस्क लेने को तैयार नहीं थी।’
चार दिन तक लगातार बैठक, तब मानी कांग्रेस
18 से 21 नवंबर के बीच कांग्रेस के हाई कमांड, कमलनाथ और एनसीपी नेता शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल के बीच लगातार बातचीत हुई और आखिरकार कांग्रेस शिवसेना के लिए दरवाजे खोलने को राजी हुई। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश सीएम कांग्रेस हाई कमान के साथ एनसीपी और शिवसेना नेतृत्व से बात कर रहे थे। मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता ने बताया, ‘इस डील में टर्निंग पॉइंट तब आया जब यह महसूस किया गया कि शिवसेना के साथ गठबंधन करने कांग्रेस से ‘अल्पसंख्यकों की हिमायती वाली पार्टी’ का तमगा हट सकता है।’
उद्धव ने कॉल करके कमलनाथ को बुलाया
मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने बताया कि 22 नवंबर की शाम तक बीजेपी को शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन पर मुहर लगने की खबर हो गई थी। इसके चलते बीजेपी महकमे में हड़कंप मच गया और देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के साथ 23 नवंबर की सुबह शपथ ले ली थी। आज होने वाले शपथग्रहण के लिए उद्धव ठाकरे ने व्यक्तिरूप से कमलनाथ को कॉल करके आमंत्रित किया है।