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जानिए क्या मोदी सरकार संसद में वक्फ बिल को पास कराने में होगी कामयाब, क्या है नंबर गेम ?

मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन बिल आज लोकसभा में पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है। आज 2 अप्रैल को 12 बजे यह बिल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को 8 अप्रैल 2024 को लोकसभा में पेश किया था। तब विपक्ष के भारी हंगामे के बाद इस बिल को जेपीसी को भेज दिया गया। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई में जेपीसी ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया। इसके बाद बिल को कैबिनेट की भी मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि संसद में इसे पास कराना सरकार के लिए काफी चुनौतीभरा कदम होगा।

संसद में क्या है नंबर गेम

लोकसभा में सांसदों की मौजूदा संख्या 542 है। अगर बीजेपी की बात करें तो इसके पास सबसे ज्यादा नंबर 240 का है। वहीं अगर सहयोगी दलों को भी जोड़ लिया जाए तो NDA सांसदों की संख्या 294 है। लोकसभा में बिल को पास कराने के लिए बहुमत का आंकड़ा 272 चाहिए। ऐसे में अगर बीजेपी को सहयोगी दलों का साथ मिलता है तो उसके लिए लोकसभा में इस बिल को पास कराने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं विपक्षी दलों की बात करें तो कांग्रेस के पास सबसे अधिक 99 सांसद हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के कुल सांसदों की संख्या 233 है। लोकसभा में कुछ सांसद ऐसे भी हैं जो एनडीए और इंडिया दोनों ही गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। इनमें आजाद समाज पार्टी के एडवोकेट चंद्रशेखर और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल भी शामिल हैं।

राज्यसभा में अलग है स्थिति

वहीं राज्यसभा की स्थिति थोड़ी अलग है। ऊपरी सदन में मौजूदा समय में सदस्यों की संख्या 236 है। यहां भी बीजेपी का नंबर सबसे अधिक है। बीजेपी के पास कुल 98 सदस्य हैं। वहीं एनडीए के कुल सदस्यों की संख्या 115 है। अगर इसमें 6 मनोनीत सदस्यों को भी शामिल कर दें तो यह आंकड़ा 121 तक पहुंचता है। राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत होगी। ऐसे में उसके बाद बहुमत से 2 सदस्य अधिक हैं। वहीं विपक्षी दलों में कांग्रेस के पास 27 सदस्य हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 85 है। इसमें वाईएसआर कांग्रेस के 9, बीजेडी के 7 और एआईएडीमके के 4 सदस्य शामिल हैं। वहीं राज्यसभा में 3 ऐसे भी सदस्य हैं तो ना ही इंडिया गठबंधन और ना ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं।

विपक्ष का क्या हैं आपत्तियां

वक्फ बिल में पहले प्रावधान था कि वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला ही आखिरी फैसला माना जाता था। अब किसी भी तरह के संपत्ति विवाद में हाईकोर्ट जा सकेंगे। पहले कोई भी संपत्ति सिर्फ दावे के आधार पर ही वक्फ की हो जाती थी। नए बिल में दान किए बिना किसी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना अधिकार नहीं जता सकेगा। नए बिल में कलेक्टर को संपत्ति का सर्वे करने और संपत्ति निर्धारण का अधिकार दिया गया है। वहीं वक्फ बोर्ड में महिला और अन्य धर्म से दो सदस्य होने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले बोर्ड में महिला और अन्य धर्म के सदस्य नहीं होते थे।

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