भोपाल /मक्के की रोटी और सरसों के साग का स्वाद तो सबको पता है लेकिन यह जानकारी कम लोगों को पता है कि मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा मक्के का उत्पादन होता है छिंदवाड़ा जिले में होता है। चूंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा से ही आते हैं अतः उन्होंने मक्के को नाइ पहचान देने के लिए अभियान छेड़ दिया है यही वजह है की छिन्दवाड़ा अब कॉर्न सिटी के रूप में पहचान बना चुका है इसी के चलते छिंदवाड़ा के मक्का उत्पादक किसानों की मेहनत कॉर्न फेस्टिवल 2019 में दिखाई देगी, जो 15 और 16 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है। किसानों को मक्का प्र-संस्करण से संबंधित नई मशीनों, मक्का से खाद्य सामग्री बनाने वाली मशीनों और मक्का बाजार की जानकारी मिलेगी। साथ ही, उन्हें मक्का उत्पादन से जुड़े वैज्ञानिकों की बात सुनने और उनसे बात करने का मौका भी मिलेगा।
मक्का ऐसे बनी व्यावसायिक फसल
मक्के का उपयोग चार प्रकार से होता है। इसका पशु आहार विशेषकर पोल्ट्री फीड बनता है। पोल्ट्री उद्योग बढ़ने के साथ ही पोल्ट्री फीड की मांग बढ़ी है। कॉर्न फ्लेक्स जैसी लोकप्रिय खाद्य सामग्री बनती है। कॉर्न फ्लेक्स अब सुबह के नाश्ते में शामिल हो गया है। अन्न के रूप में भी इसका सेवन किया जाता है और औद्योगिक उपयोग होता है। कम पानी और कम लागत में अच्छी फसल हो जाती है। जलवायु परिवर्तन के खतरों को सह लेती है। मक्का पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें 71 प्रतिशत स्टार्च, 9 से 10 प्रतिशत प्रोटीन, 4 से 45 प्रतिशत फैट, 9 से 10 प्रतिशत फाइबर, 2 से 3 प्रतिशत शुगर और 1.4 प्रतिशत मिनरल होता है।