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जानिए राशि के अनुसार ग्रह शांत करने के लिए लगाएं कौन सा पेड़

 पं.संजय जी वैदिक ज्योतिषाचार्य

अपने ग्रहों के अनुसार पेड़ लगाए और धरती को हरा भरा बनाएं

ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह, राशि व नक्षत्र के वृक्ष हैं, इन्हें लगाने से फायदा होता है,अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह कमजोर या बाधक है, तो, उसे शांत करने के लिए रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। ताकि ग्रह सकारात्मक एवं शुभ परिणाम देने लगे।
हमें शुभ अवसरों पर एवं बच्चों के जन्मदिन पर यादगार स्वरूप पेड़ लगाना चाहिए।
हमें पर्यावरण की सुरक्षा और ताजी आव ओ हवा के लिए होली, दिवाली, ईद, बड़ा दिन एवं राष्ट्रीय त्योहार जैसे गणतंत्र दिवस ,26 जनवरी , 2 अगस्त के अलावा अपनी मैरिज एनिवर्सरी तथा बच्चों की जन्मदिन पर याद स्वरूप में लगाना चाहिए, ताकि हमेशा हमारी यादें पेड़ लगाने के बहाने ताजी रहे जब-जब हम उनको देखें तब तक हमें सुखद एहसास हो, पेड़ लगाने से दो फायदे हैं, एक तो हमारी धरती हरी भरी रहेगी और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा दूसरा हमारे ग्रह शांत रहेंगे, पीपल, बरगद बेल का पेड़ लगाने भर से कई-कई पीढियां के पितृ प्राप्त हो जाते हैं।
लेकिन अगर कोई व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर है और रत्न नहीं खरीद पा रहा है, तो ज्योतिष में विभिन्न पेड़ों की जड़ मंत्रों से सिद्ध एवं अभिमंत्रित करके पहनने का भी बिधान है।

पेड़ों की जड़ मंत्रों से सिद्ध एवं अभिमंत्रित करके पहनने से शांत होते हैं ग्रह

जैसे मंगल ग्रह के लिए खैर, गुरु के लिए केला, शनि के लिए शमी आदि, इसी प्रकार ज्योतिष में ग्रह को मजबूत करने व उसकी सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए ग्रह व राशि के अनुसार पेड़ लगाने का भी उपाय है।

राशि के अनुसार पेड़ लगाने से शांत होते हैं ग्रह

राशि के अनुसार पेड़ लगाने से न केवल वह ग्रह शांत होते है। बल्कि जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, व्यक्ति को उतना ही अधिक उसका लाभ मिलता है। वह सफलता के सोपान चढ़ने लगता है। राशि व ग्रह के अनुसार पेड़ लगाने से उनके प्रभाव भी सकारात्मक पढ़ते हैं। इसके साथ ही सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

यह पौधे ग्रह के अनुसार लगाएं

ग्रह के अनुसार भी पौधे रोपे जा सकते हैं, इसमें सूर्य ग्रह का अर्क, चंद्रमा को पलाश, मंगल का खैर, बुध का अपमार्ग, गुरु का पीपल, शुक्र का सफेद चंदन या गूलर, शनि का शमी, राहु का दुर्वा व केतु का कुश व ईमली वृक्ष माना जाता है। इन पौधों को रोपने से ग्रह शांत होते हैं। जीवन में खुशहाली भी आती है।
यह पौधे राशि के अनुसार लगाएं।
मेष के लिए आंवला, वृष के लिए जामुन, मिथुन के लिए कटहल, कर्क के लिए नाग केशर, सिंह के लिए बेल, कन्या के लिए आम, तुला के लिए सफेद पलाश, वृश्चिक के लिए केला, बरगद, धनु के लिए पीपल, मकर के लिए शीशम, कुंभ के लिए खैर या शमी, मीन के लिए नीम, पीपल।
पेड़ काटने से आती है जीवन में परेशानी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार के अनुसार पेड़ काटने से जीवन में कई प्रकार की परेशानी आती है। ग्रह बाधा भी शुरू हो जाती है। इसलिए कभी भी हरे भरे पेड़ों को नहीं काटना चाहिए, पेड़ काटने वाले लोग अमूमन परेशान ही नजर आते हैं।
यह पौधे सभी राशियों के लिए शुभ
नागचंपा, अशोक, जूही, अर्जुन, नारियल आदि के पौधे या पेड़ लगाना सभी राशियों के लिए शुभ माना जाता है।पूर्णमासी या अमावस्या पर लगाए गए पेड़-पौधों से पितर और देवता प्रसन्न होते हैं। साथ ही कभी न खत्म होने वाला पुण्य भी मिलता है। इससे कई तरह के दोष भी खत्म होते हैं।

पुराणों में पेड़ -पौधे लगाने का महत्व

1. विष्णु धर्मोत्तर पुराण के मुताबिक पेड़- पौधे लगाने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।
2. मनु स्मृति में कहा गया है कि पेड़़-पौधे लगाने से यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है।
3. भविष्य पुराण में कहा गया है कि, जिसको संतान नहीं हुई उस दंपती के लिए पेड़  ही संतान के समान होते हैं।
4. पद्म पुराण में लिखा है कि जलाशय यानी नदी, तालाब, कुएं-बावड़ी के पास पीपल का पेड़ लगाने से सैकड़ों यज्ञ करने के के बराबर पुण्य मिलता है।
5. वराह पुराण में कहा है कि जो इंसान एक पीपल, नीम, बरगद, दो अनार, नारंगी, पांच आम के पेड़ और दस फूल वाले पौधे लगाता है, वो नर्क में नहीं जाता।
6.मत्स्य पुराण के मुताबिक दस कुओं के बराबर एक बावड़ी,दस बावड़ियों के बराबर एक तालाब,दस तालाबों के बराबर एक पुत्र और दस पुत्रों के बराबर एक पेड़ होता है।
7. शिव पुराण का कहना है कि, जो वीरान एवं दुर्गम जगहों पर पेड़ -पौधे लगाते हैं, ऐसे लोग अपनी पिछली और आने वाली पीढ़ियों को तार देते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं.संजय जी का कहना है कि आषाढ़ महीने में पीपल, बरगद और गूलर के पेड़ लगाने का भी बहुत महत्व है। इन पेड़-पौधों को भगवान विष्णु का ही रुप माना गया है। इनके अलावा तुलसी, दूब, अशोक, आंवला, एरंड, मदार, केला, नीम, कदंब और बेल का पेड़ लगाने से भी भगवान विष्णु-लक्ष्मीजी और अन्य देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
पेड़ पौंधौं का संबंध नवग्रहों से होता है, नवग्रह शांति और दोष से बचने के लिए वृक्षारोपण करने का विधान ज्योतिष ग्रंथों में बताया है।
जिसमें सूर्य के लिए मदार, चंद्रमा के लिए पलाश, मंगल के लिए खैर और बुध के लिए अपामार्ग यानी चिरचिटा और गुरु के लिए पीपल का पेड़ लगाना चाहिए। वहीं, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दुर्वा और केतु के लिए कुशा लगाने का विधान ग्रंथों में बताया गया है।

       पं.संजय जी वैदिक ज्योतिषाचार्य

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