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जिलाध्यक्षों की सूची लटकने से अब लटकी प्रदेश अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया

प्रवीण दुबे

मध्यप्रदेश के सत्ताधारी दल भाजपा के नीति निर्धारकों को जिलाध्यक्ष क़ी घोषणा करना भारी पड़ रहा है प्रदेश का  शीर्ष नेतृत्व इस विषय पर रायशुमारी से लेकर अंतिम मुहर हेतु सूची भोपाल से दिल्ली भेज चुका है इस कार्यवाई को तीन दिन से अधिक  हो चुके हैं लेकिन घोषणा नहीं क़ी जा सकी है। इसके पीछे क़ी मुख्य वजह पार्टी के छत्रप बताये जा रहे हैं जो संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा  अध्यक्ष पदों  पर अपने पट्ठे काबिज करना चाहते हैं।

महत्वपूर्ण बात यह है कि अध्यक्ष क़ी घोषणा न किए जाने से अब संगठन चुनाव के अगले  चरण अर्थात प्रदेश अध्यक्ष के चयन क़ी प्रक्रिया अटक गई है।

पहले पार्टी क़ी ओर से यह कहा गया था कि प्रदेश अध्यक्ष चयन क़ी प्रक्रिया जिसमें कि रायशुमारी जैसा महत्वपूर्ण चरण भी शामिल है 5 जनवरी से शुरू हो जाएगी लेकिन अध्यक्षों को लेकर  पार्टी छत्रपों क़ी अढ़ीबाजी के कारण पार्टी नेतृत्व निर्णय नहीं कर पा रहा है आखिर करें तो क्या करें ? यही वजह है प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में देरी दिखाई दे रही है।

प्रदेश चुनाव अधिकारी शेजवलकर ने कहा समय रहते पूर्ण हो जाएंगे चुनाव 

इस बारे में शब्दशक्ति न्यूज़ ने प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक नारायण शेजवलकर से चर्चा क़ी और सवाल किया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष क़ी निर्वाचन प्रक्रिया कब से शुरू होने वाली है? जवाब में श्री शेजवलकर ने कहा जिलाध्यक्ष क़ी क़ी प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाएगा उन्होंने कहा कि यह सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार पूर्ण हो जाएगा उन्होंने कहा कि किसी भी समय जिलाध्यक्षों क़ी सूची जारी क़ी जा सकती है इसकी सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया पूरी क़ी जा चुकी है। प्रदेश चुनाव अधिकारी श्री  शेजवलकर ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर जल्द से जल्द प्रदेश स्तरीय चुनाव क़ी कार्यवाही पूर्ण हो जाएगी। 

यह रहेगी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया 

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश परिषद के सदस्यों की राय ली जाएगी। इसके लिए प्रदेश परिषद के सदस्यों का चयन किया जाएगा। इसमें सभी विधानसभाओं से एक-एक प्रदेश परिषद सदस्य प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लेगा। हर जिले में दो-दो विधानसभाओं का एक कलस्टर बनाया जाएगा।यदि किसी जिले में तीन विधानसभा सीटें हैं या फिर कहीं 5 विधानसभाएं हैं तो अतिरिक्त एक विधानसभा को भी कलस्टर मानकर एक प्रदेश परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। सिंगल विधानसभा के कलस्टर से महिला, एससी, एसटी वर्ग को प्रदेश परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया होने तक जितने जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके हैं वे भी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भाग लेंगे।

16 विधायक, 3 सांसद चुनाव में हिस्सा लेंगे

 प्रदेश में बीजेपी के विधायकों और सांसदों में से 10-10 प्रतिशत विधायक और सांसदों को प्रदेश परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। यानी बीजेपी के 165 विधायकों में से 16 विधायक और 29 लोकसभा सांसदों में से 3 सांसद प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचक मंडल में शामिल होंगे। जितने भी प्रदेश परिषद के सदस्य बनेंगे उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव का निर्वाचक मंडल माना जाएगा। चुनाव की तारीखें केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय की जाएंगी। एक दिन रायशुमारी और अगले दिन नामांकन के साथ ही नाम वापसी, दावे आपत्ति और चुनाव परिणाम के लिए समय तय किया जाएगा। इसी दिन प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा होग

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