– विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रांत की ‘युवा कांफ्रेंस’ का शुभारंभ
ग्वालियर/ युवा हमेशा ही भारत की शक्ति रहा है, आज भी है और भविष्य में भी रहेगा। लेकिन आज युवाओं को कुछ लक्ष्य तय करने चाहिए। जब तक जीवन में लक्ष्य तय नहीं होगा तब तक भारत का भविष्य नहीं गढ़ा जा सकता। युवाओं को भारत का गौरवशाली और समृद्धशाली इतिहास पढ़ना चाहिए। इतिहास को जाने बगैर भविष्य के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती।
आज यह बात विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी मध्य प्रांत के दो दिवसीय यूथ कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर अतिथि वक्ताओं ने कही। महादजी नगर स्थित लिटिल एंजेल स्कूल में आयोजित कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा मप्र के प्रदेश मंत्री एवं विवेकानंद नीडम के संचालक श्री लोकेन्द्र पाराशर, मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्र के भोपाल नगर के सह प्रमुख श्री अमिताभ श्रीवास्तव उपस्थित थे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्र के प्रांत प्रमुख श्री भंवर सिंह राजपूत ने की। इसी के साथ पूरे दिन विभिन्न विषयों पर संवाद कार्यक्रम हुए। जिसके अंतर्गत केन्द्र की प्रांत संगठक सुश्री रचना जानी सहित प्रशासनिक अधिकारी, इंडस्ट्री एक्सपर्ट, खिलाड़ियों ने युवाओं से बातचीत की एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए श्री पाराशर ने कहा कि युवाओं के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी समाज में समसरता का वातावरण बनाने की है। उनकी जिम्मेदारी है कि समाज में अस्पृश्यता की बुराई को समाप्त करे। उन्होंने कहा कि घटनाओं को समझकर युवा अपने लक्ष्य तय करें। युवा अपने रोल मॉडल तय करें। युवाओं के रोल मॉडल फिल्मी सितारे नहीं बल्कि भारत के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वामी विवेकानंद, सरदार भगत सिंह, राम सिंह कूका, रानी लक्ष्मीबाई जैसे व्यक्तित्व होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जो युवा इतिहास को पढ़ेगा, वही भारत का भविष्य गढ़ेगा।
इससे पूर्व श्री अमिताभ श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो कमजोर है उसे सशक्त करने के लिए हम काम करें। उन्होंने कहा कि जो फुलवारी हमारे क्रांतिकारियों, महापुरुषों ने हमें सौंपी है, उसके हम सभी पुष्प हैं। इस फुलवारी को बचाने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है। युवा अपनी भूमिका तय करें और देश के विकास में अपना योगदान दें। इसी क्रम में केन्द्र के प्रांत प्रमुख श्री राजपूत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी जानते थे कि युवा ही भारत का भविष्य है। वे अपने साथ 100 युवा चाहते थे। स्वामी विवेकानंद जी को पता था कि युवा ही भारत को परम वैभव पर पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हम समाज के लिए काम नहीं करेंगे तब तक इस राष्ट्र का कल्याण नहीं होगा।
वायु की तरह होता है युवा : पटेल
वहीं युवाओं से संवाद करते हुए एसडीओपी श्री संतोष पटेल ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि युवाओं को उद्देश्य निश्चित कर हर परिस्थिति में कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा वायु की तरह होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में जो जितने संघर्ष करते हैं, वही आगे बढ़ते हैं।