पांच साल पहले चीन के वुहान शहर से कोविड महामारी पूरी दुनिया में फैली थी. लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन से कोविड महामारी की उत्पत्ति से संबंधित डेटा देने का अनुरोध किया है.
डब्ल्यूएचओ ने कोविड महामारी के पांच साल पूरा होने के मौके पर एक बयान में कहा “ये एक नैतिक और वैज्ञानिक आवश्यकता है.”
उन्होंने ये भी कहा, “पारदर्शिता, साझेदारी और देशों के बीच सहयोग के बिना दुनिया भविष्य की महामारियों और संक्रमणों को रोकने और उनके ख़िलाफ़ तैयार होने में सक्षम नहीं हो सकती है.”
कई वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वायरस जानवरों से इंसानों में फैला था लेकिन कुछ को अभी भी संदेह है कि ये वुहान की एक प्रयोगशाला से निकला था.
हालांकि सोमवार को डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी बयान पर चीन ने अभी तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सितंबर में वैज्ञानिकों की एक टीम ने कहा था कि ये पूरी तरह से साफ़ है कि कोविड महामारी संक्रमित जानवरों के बाजार में बिकने से शुरू हुई थी, न कि प्रयोगशाला से और ये नतीजा जनवरी 2020 में वुहान से जमा किए गए सैकड़ों नमूनों का विश्लेषण करने के बाद निकला है.
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कोविड के शुरुआती दिनों का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह कैसे एक स्थानीय घटना से वैश्विक संकट में बदल गई जिससे दुनिया भर में लॉकडाउन लग गए और आखिर में वैक्सीन बनाई गई.
मई 2023 में, डब्ल्यूएचओ ने घोषणा की थी कि कोविड-19 अब एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है.
कोविड के दौरान तत्कालीन डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा था कि महामारी में कम से कम 70 लाख लोग मारे गए. लेकिन वास्तव में इसकी संख्या 2 करोड़ के करीब है जो कि आधिकारिक अनुमान से लगभग तीन गुना ज्यादा है.