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तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा

“तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा” प्रभु की आरती के ये बोल हम प्रतिदिन सुनते हैं लेकिन कृतिरूप में प्रभु चरणों में अपना सर्वस्व समर्पण करने के उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। ग्वालियर के प्रसिद्ध अचलेश्वर महादेव मंदिर में बाबा की एक ऐसी भक्तिन महिला प्रकाश में आई हैं  जिन्होंने भगवान के प्रति समर्पण की एक ऐसी कहानी लिख डाली जिसे सुनकर आज हर किसी की आंखें नम हो उठी हैं।

भगवान अचलनाथ  के प्रति  समर्पण की इस कहानी में एक बुजुर्ग महिला जीते जी भगवान भोलेनाथ में अपनी आस्था जताती रही और मरने के बाद भी वह अपने जीवन भर की जमा पूंजी और लाखों रुपए की बीमा पॉलिसी में भगवान भोलेनाथ को नॉमिनी बना गई. जब यह पॉलिसी पूरी हुई, तो इसे अचलेश्वर महादेव सार्वजनिक न्यास के सुपुर्द किया गया है.

दरअसल शिव भक्ति का यह अनोखा मामला ग्वालियर से सामने आया है. लोहिया बाजार स्थित थोराट की गोठ में रहने वाली माधुरी सक्सेना ने मार्च 2017 में एक बीमा पॉलिसी कराई थी. महिला माधुरी सक्सेना थोरात की गोट में किराए के मकान में अपने माता-पिता के साथ रहा करती थी, लेकिन माता-पिता के खत्म होने के बाद वह अकेली रह गई.

माता-पिता की मौत के बाद अकेली थी माधुरी

माधुरी के पिता एजी ऑफिस में काम करते थे और उन्होंने जो कुछ कमाया वह मरने के बाद अपनी बेटी को दे गए. माधुरी प्राइवेट शिक्षिका थी. उन्होंने शादी नहीं की थी और ना ही उनके कोई भाई-बहन थे. ऐसे में 19 मार्च 2022 को उनकी मृत्यु हो गई लेकिन मरने से पहले उन्होंने अपनी लाखों रुपए की जीवन बीमा पॉलिसी में अचलेश्वर महादेव मन्दिर ट्रस्ट को नॉमिनी बना दिया था. ऐसे में जब उनके पड़ोसियों को इस बारे में पता चला तो वह काफी खुश नजर आए. उन्होंने बताया कि माधुरी भगवान भोलेनाथ की बड़ी भक्ति और उनकी काफी पूजा किया करती थी.

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