बीजेपी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुन लिया है. तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनपर भरोसा जताया है. सुबह से कई नाम हवा में तैर रहे थे, लेकिन भाजपा विधायक दल की बैठक में जब उनके नाम का ऐलान हुआ तो बहुत सारे लोग आश्चर्यचकित रह गए. हालांकि, बाद में सबने उन्हें बधाई दी. लेकिन सबके मन में एक ही सवाल होगा कि आखिर बीजेपी ने सीएम कैसे चुना? ‘बायोडाटा’ में क्या-क्या देखा?
रेखा गुप्ता पहली बार की विधायक हैं। उन्होंने शालीमारबाग सीट से 29 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है। अब तक सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे प्रवेश वर्मा ने रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा। भाजपा प्रदेश कार्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षकों रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ की मौजूदगी में रेखा गुप्ता के नाम पर विधायकों ने सहमति की मुहर लगाई। 8 फरवरी को भाजपा की जीत के बाद से ही नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अटकलों का दौर चल रहा था। रेस में करीब एक दर्जन नेताओं के नाम गिनाए जा रहे थे।
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे कई वजहें हैं। मुख्यतौर पर पहली वजह महिला कार्ड है। एक महिला मुख्यमंत्री की सत्ता से विदाई के बीच भाजपा ने एक अन्य महिला को ही दिल्ली संभालने का मौका दिया है। दिल्ली के चुनाव में महिला वोटर्स को लेकर भाजपा और आप में काफी होड़ दिखी थी। भाजपा ने रखा गुप्ता को सीएम बनाकर अरविंद केजरीवाल को भी राजनीतिक रूप से बड़ा जवाब दिया है, जिन्होंने चुनाव में जीत मिलने पर आतिशी को हटाकर खुद सीएम बनने का ऐलान किया था।
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने वैश्य समाज को भी साधा है। वैश्य समाज को भाजपा का कट्टर समर्थक माना जाता रहा है। ऐसे में भाजपा ने एक वैश्य सीएम देकर समुदाय को रिटर्न गिफ्ट दिया है।
रेखा गुप्ता का संघ परिवार से तीस साल पुराना नाता है। वह छात्र राजनीति से ही सक्रिय रही हैं। भाजपा के छात्र संगठन में भी लंबे समय तक काम कर चुकी हैं। 1996-97 में दिल्ली छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं। गुप्ता ने भाजपा दिल्ली में महिला मोर्चा की महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
अब तक कौन-कौन दिल्ली में बना सीएम
रेखा गुप्ता दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री हैं। अंतरिम सरकार के दो सीएम को जोड़ लें तो वह 10वीं मुख्यमंत्री हैं। दिल्ली में इससे पहले आतिशी, अरविंद केजरीवाल , शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज, साहिब सिंह वर्मा, मदनलाल खुराना, गुरमुख निहाल सिंह और ब्रह्म प्रकाश को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।
27 साल बाद दिल्ली में भाजपा का CM
27 साल बाद भाजपा को दिल्ली में सरकार बनाने का मौका मिला है। इससे 1993 से 1998 तक राजधानी दिल्ली में भाजपा की सरकार थी। लेकिन तब 5 साल में तीन बार मुख्यमंत्री बदलने की नौबत आ गई थी। क्रमश: मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज को सीएम की कुर्सी पर बिठाया गया था।