ग्वालियर/अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय समूह के ट्रॉमा सेंटर के एसी में आग लगने की घटना और पहले से ही वेंटीलेटर पर भर्ती एक गंभीर मरीज की मौत से यहां दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। दुर्घटना के बाद अधिष्ठाता डॉ आर एस धाकड़ ने शब्दशक्ति न्यूज से चर्चा की और खुलासा किया कि अस्पताल की नई बिल्डिंग में तो अत्याधुनिक फायर सिस्टम मौजूद है लेकिन जिस ट्रॉमा सेंटर में यह दुर्घटना हुई है वह पुरानी बिल्डिंग का हिस्सा है अतः यहां जो फायर सेफ्टी व्यवस्था है वह पुरानी है और अस्पताल स्टाफ ने उसका त्वरित इस्तेमाल किया यही वजह है कि आग को फैलने से रोक लिया गया।
डॉ धाकड़ ने बताया कि चूंकि ट्रॉमा सेंटर में बेहद गंभीर मरीज ही भर्ती होते हैं ऐसी स्थिति में जिस मरीज की मृत्यु हुई है वह भी ब्रेन डेड की स्थिति में वेंटीलेटर पर था उसकी हालत पहले से ही बहुत गंभीर थी शेष 9 मरीजों को वहां तैनात स्टाफ की सतर्कता के कारण सुरक्षित अन्य स्थान पर पहुंचा दिया गया था। डीन ने कहा कि यह सभी मरीज भी पहले से ही क्रिटिकल कंडीशन में ही हैं ।
प्रशासनिक अमले ने किया निरीक्षण
दुर्घटना के बाद संभागायुक्त मनोज खत्री, कलेक्टर रूचिका चौहान सहित अन्य प्रशासनिक अमले से जुड़े आला अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और अस्पताल प्रबंधन से चर्चा कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट लिए मरीजों का हालचाल जाना। उन्होंने दुर्घटना के कारणों का पता लगाए जाने के साथ अस्पताल में लगे एसी उपकरणों की जांच की बात भी कही। फायर ऑडिट का विषय सामने आने पर इसका निराकरण किए जाने की बात भी कही।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में मंगलवार सुबह सात बजे सीलिंग एसी में आग लग गई। आग से एसी फट गया। इससे ट्रामा सेंटर में भर्ती एक मरीज की मौत हो गई। मृतक मरीज दो दिन से वेंटीलेटर पर ही था। हालांकि ट्रामा सेंटर में भर्ती अन्य 9 मरीज सुरक्षित हैं। मौके पर प्रबंधन ने पहुंचकर सभी मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट कराया ।
घटनाक्रम के मुताबिक जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में 10 मरीज भर्ती थे। ट्रामा सेंटर में सीलिंग एसी लगे हुए हैं। इन्हीं एसी में से एक में मंगलवार सुबह करीब सात बजे आग लग गई और उसमें विस्फोट हो गया। यह एसी आजाद नामक एक मरीज के ऊपर लगा हुआ था। जब आग लगने के बाद जब आजाद को वहां से हटाया जा रहा था तो उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि वह ब्रेड डेड स्थिति में भर्ती था। हालांकि इस मरीज को वेंटीलेटर पर रखा गया था। बाद में डाक्टरों ने जब उसकी इसीजी कराई तो उसकी मौत हो चुकी थी।