वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल (GST Council) की पहली बैठक आज यानी 22 जून को हुई। आम चुनाव में जीत के बाद मोदी 3.0 सरकार में जीएसटी की इस पहली बैठक में कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई मुद्दे थे। हालांकि समय की कमी के कारण कुछ पर चर्चा नहीं हो सकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि बाकी एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने फर्जी बिलों पर रोक लगाने के लिए पूरे भारत में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करने का निर्णय लिया है। बताया कि इससे फर्जी बिलों के जरिए किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद की अध्यक्ष निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वित्त वर्ष 17-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 (4) के तहत किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा 2011 से 2021 मानी जा सकती है। इसलिए 1 जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी रूप से समान आवश्यक संशोधन के लिए, परिषद ने एक सिफारिश की है।’ नई सरकार के गठन के बाद जीएसटी परिषद की यह पहली बैठक थी।
सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए, विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए 1 करोड़ रुपये, तथा उच्चतम न्यायालयों के लिए 2 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की गई है। वहीं रेलवे सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे प्लेटफॉर्म टिकट, बैटरी चालित कार सेवाओं आदि को जीएसटी से छूट दी गई है
दंड पर ब्याज माफ
जीएसटी पंजीकरण की सुविधा के लिए, जीएसटी परिषद के अनुसार, देश भर में नए पंजीकरण के लिए आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य है। परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिस पर ब्याज और दंड माफ करने का निर्णय लिया।
दूध के डिब्बों पर 12% जीएसटी दर
परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है। जिसका मतलब है कि दूध की पैकिेंग के लिए स्टील, लोहा, एल्युमीनियम जो किसी भी चीज का उपयोग में हो, उस पर इसी दर से जीएसटी का भुगतान होगा। उनका एक मानक आकार होता है, जिससे यह निर्धारित होगा कि दूध का डिब्बा क्या है और क्या नहीं। परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स और केस पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है। इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष रूप से मदद मिलेगी।
जीएसटी कम करने का अनुरोध
वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने यह भी स्पष्ट किया और सिफारिश की कि स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए कि फायर वाटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12% जीएसटी लगेगा। जीएसटी परिषद ने दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए उर्वरकों पर जीएसटी कम करने का अनुरोध जीओएम को भेजा है। वर्तमान में, 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है और यह क्षेत्र लंबे समय से उर्वरकों पर जीएसटी से छूट की मांग कर रहा है।
सितंबर 2021 और जून 2022 में हुई अपनी 45वीं और 47वीं बैठकों में जीएसटी परिषद ने उर्वरकों पर कर को और कम करने की संभावना पर चर्चा की। हालांकि, परिषद ने दरों में बदलाव का सुझाव नहीं दिया