विधानसभा चुनाव की घोषणा से तीन माह पूर्व जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लाड़ली बहना योजना की घोषणा की थी तब तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे गेम चेंजर निरूपित किया था। इस योजना ने कांग्रेस की इस कदर परेशान किया था कि कमलनाथ ने इसकी काट के लिए कांग्रेसी योजना घोषित कर दी थी। अब जबकि चुनाव में चंद दिन बाकी हैं और यह साफ होता दिख रहा है कि कमलनाथ की यह योजना मध्यप्रदेश की नारी शक्ति को प्रभावित नहीं कर सकी और शिवराज सिंह लाड़ली बहना योजना के माध्यम से प्रदेश के 48 प्रतिशत से अधिक महिला वोटरों को रिझाने में कामयाब होते दिख रहे हैं। हालात यह है कि अब महिलाएं केवल शिवराज भैय्या ही नहीं भाजपा के हर बड़े नेता का उन्हे रोक रोककर स्वागत करते दिखाई दे रही हैं।
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ऐसा ही एक दृश्य कल कटनी की एक विधानसभा में दिखाई दिया जब ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी सभा को संबोधित करने जा रहे थे तभी रास्ते में महिलाओं के एक झुंड ने उनकी गाड़ी रोकी और टीका करते हुए आरती उतारकर लाड़ली बहना योजना के लिए धन्यवाद दिया। साफ तौर पर महिलाओं की खुश मिजाज भाव भंगिमा इस बात की ओर इशारा करती दिखाई दे रही थी कि महिलाओं ने भाजपा के समर्थन का मन बना लिया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य के कुल मतदाताओं में इस बार महिलाओं का आंकड़ा 48 प्रतिशत है। 2,72,33,945 सामान्य महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी। यही नहीं नौकरीपेशा यानी 2,284 पोस्टल महिला मतदाता भी राज्य की मतदाता सूची में शामिल हैं। इस बीच एक और सुखद आंकड़ा ध्यान खींच रहा है। राज्य में शतकवीर यानी सौ वर्ष की उम्र पार कर चुके मतदाताओं में भी महिलाएं आगे हैं। लिंगानुपात बढ़ने की भी पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में कह सकते हैं कि महिलाएं ही राज्य के नेतृत्व की इबारत लिखेंगी।