गीतकार और पूर्व राज्यसभा सांसद जावेद अख़्तर के एक टीवी चैनल की बहस में दिए बयान पर विवाद हो गया है.
शुक्रवार को जावेद अख़्तर ने एनडीटीवी से हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तालिबान से तुलना की थी.
#संघ तथा #विश्वहिंदूपरिषद के करोडों कार्यकर्ताओ की, जब तक हाथ जोड़कर #जावेदअख्तर माफी नही मांगते. तब तक उनकी तथा उनके परिवार की कोई भी #फिल्म इस #माभारती के भूमि पर नहीं चलेगी. pic.twitter.com/ahWgVQWuvH
— Ram Kadam – राम कदम (@ramkadam) September 4, 2021
बीजेपी नेता ने उनके बयान का विरोध करते हुए कहा है कि जावेद अख़्तर हाथ जोड़कर अपने बयान के लिए माफ़ी मांगें.
पार्टी नेता राम कदम ने ट्विटर पर एक बयान में कहा है, “संघ और विश्व हिंदू परिषद के करोड़ों कार्यकर्ताओं से जब तक हाथ जोड़कर जावेद अख़्तर माफ़ी नहीं मांगते तब तक उनकी और उनके परिवार की कोई भी फ़िल्म इस महाभारती की भूमि पर नहीं चलेगी.”
कदम ने कहा, ”बयान देने से पहले कम से कम ये तो सोचते कि उसी संघ परिवार से जुड़े लोग आज इस देश की राजनीति को चला रहे हैं. राज धर्म का पालन कर रहे हैं. यदि तालिबानी विचारधारा होती तो क्या वो इस तरह की बयानबाज़ी कर पाते. इसी से उनका बयान कितना खोखला है ये स्पष्ट हो जाता है.”
राम कदम महाराष्ट्र विधानसभा में कदम घाटकोपर सीट से विधायक हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि जावेद अख़्तर के ख़िलाफ़ पुलिस को शिकायत दी जाएगी.
वहीं अपने आप को बीजेपी महाराष्ट्र यूनिट के क़ानूनी सलाहकार बताने वाले आशुतोष दुबे ने मुंबई पुलिस को जावेद अख़्तर के ख़िलाफ़ शिकायत दी है. दुबे ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने आरएसएस की तुलना तालिबान से करने पर जावेद अख़्तर के ख़िलाफ़ संबंधित पुलिस थाने में शिकायत दी
क्या कहा था जावेद अख़्तर ने?
पूर्व राज्यसभा सांसद जावेद अख़्तर शुक्रवार को एनडीटीवी के एक शो में आए थे.
इस दौरान उन्होंने कहा था, ”जिस तरह तालिबान एक इस्लामी राष्ट्र चाहता है, ऐसे लोग भी हैं जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं. ये सभी लोग एक जैसी विचारधारा के ही हैं भले ही ये मुसलमान हों, ईसाई हों, यहूदी हों या हिंदू हों.’
‘ज़ाहिर तौर पर तालिबान बर्बर है और उसके कृत्य निंदनीय हैं, लेकिन जो लोग आरएसएस, बजरंग दल और बीएचपी जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं, वो सब एक जैसे ही हैं.’
बहस के दौरान जावेद अख़्तर ने ये भी कहा था कि उन्हें भारतीय लोगों की समझ पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाले अधिकतर लोग सहिष्णु हैं, इसका सम्मान होना चाहिए, भारत कभी भी तालिबानी राष्ट्र नहीं बनेगा.