हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं इसलिए इस तिथि को देवउठनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है।
इस साल देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। भगवान विष्णु के योग निंद्रा के जागने के बाद सभी मांगलिक कार्य एक बार फिर होना प्रारंभ हो जाते हैं।
देवउठनी एकादशी की पूजा कैसे करें
1. एकादशी से 1 दिन पहले ही भोजन में प्याज, लहसुन का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।
2. एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें।
3. एकादशी के दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
4. उसके बाद भगवान विष्णु की धूप, दीप से पूजा करें।
5.भगवान विष्णु को पुष्प और मिष्ठान अर्पित करें।
6. एकादशी के दिन उपवास करें और शाम के वक्त पूजा करने के बाद फलाहार ग्रहण करें।
7. एकादशी के दिन चावल वह उससे बने किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए
शुभ मुहूर्त-
इस दिन ब्राह्मणों को अनाज दान करें। इस साल देवउठनी एकादशी गुरुवार 3 नवंबर शाम 7:30 से प्रारंभ होकर, अगले दिन 4 नवंबर शाम 6:08 पर समाप्त होगी। व्रती 4 नवंबर को भगवान विष्णु की उपासना कर सकते हैं और 5 नवंबर सुबह 5:52 पर व्रत का पारण करें।