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देश की सर्वोच्च अदालत की इस नई गाइडलाइन ने बढ़ाई होटल मालिकों की टेंशन

नई दिल्ली: आपने अक्सर देखा होगा की होटलों के बाहर पार्किंग की सुविधा तो होती है लेकिन वहां पर लिखा रहता है. वाहन अपने रिस्क पर खड़ा करें. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस जारी की है. कोर्ट का कहना है कि यदि होटल की पार्किंग से गाड़ी चोरी होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी होटल की होगी. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर गाड़ी का मालिक गाड़ी की चाबी पार्किंग के बाद होटल स्टाफ को दे देता है और इस दौरान गाड़ी चोरी हो जाती है या गाड़ी में कोई नुकसान हो जाता है तो होटल को ही मुआवजे की रकम देनी होगी.

इस मामले को लेकर कोर्ट ने सुनाया निर्णय
दरअसल, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के निर्णय को सही मानते हुए कोर्ट ने ये बात कही. आपको बता दें कि दिल्ली के ताज महल होटल से 1998 में एक व्यक्ति की मारुति जेन कार पार्किंग से चोरी हो गई थी. जिसके बाद उपभोक्ता आयोग ने मैनेजमेंट को जिम्मदार माना. आयोग ने कहा कि होटल पार्किंग में कस्टमर जिस स्थिति में वाहन पार्क करके गया था उसी स्थिति में वाहन उसे वापस मिले. दिल्ली के ताज महल होटल पर उपभोक्ता आयोग ने 2.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि होटल ये बताकर नहीं बच सकते कि पार्किंग सर्विस तो फ्री में है. कोर्ट ने कहा कि कस्टमर से रूम, फूड, एंट्री फीस आदि के नाम पर पहले ही ऐसी सर्विस के पैसे ले लिए जाते हैं. हालांकि कोर्ट ने यह भी साफ किया होटल जब ही मुआवजे की रकम देगा जब उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत होगा. गौरतलब है कि कोर्ट के इस फैसले से होटल ग्राहकों को काफी फायदा होगा.

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