देश-विदेश के सुविख्यात कलाकार आयेंगे सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने
कलाकारों की सूची जारी
23 से 28 दिसम्बर तक आयोजित होगा 99वाँ तानसेन समारोह
22 दिसम्बर को संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 स्थानों पर “तानसेन संगीत महफिल” सजेगी
समारोह के तहत विशेष सभा – ताल दरबार में 1500 तबला वादक एक साथ बैठकर समवेत रूप से तबला वादन करेंगे
ग्वालियर / यूनेस्को द्वारा “सिटी ऑफ म्यूजिक” के रूप में चुनी गई संगीत एवं कला की नगरी ग्वालियर में “तानसेन समारोह” की तैयारियाँ जोरों पर हैं। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनियाँ के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ” तानसेन समारोह ” के इस बार अलग ही रंग होंगे। विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह हर साल की तरह भव्यता के साथ तो आयोजित होगा ही, साथ ही इस साल और नए आयाम जोड़े गए हैं। तानसेन समारोह में प्रस्तुति देने आ रहे ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधकों अर्थात कलाकारों की सूची जारी कर दी गई है। साथ ही संगीत महफिल के कलाकार भी तय हो गए हैं।
संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाला शास्त्रीय संगीत का यह सालाना महोत्सव शताब्दी वर्ष की दहलीज के नज़दीक पहुँच चुका है। इस बार मुख्य तानसेन समारोह से दो दिन पहले यानि 22 दिसम्बर को संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 स्थानों पर “तानसेन संगीत महफिल” सजेगी, तो एक दिन पहले पूर्व रंग “गमक” का भी आयोजन होगा। समारोह के तहत विशेष सभा – ताल दरबार में 1500 तबला वादक एक साथ बैठकर समवेत रूप से तबला वादन करेंगे। ज्ञात हो इस बार तानसेन समारोह का 99 वां संस्करण है।
राज्य शासन के संस्कृति विभाग के लिए जिला प्रशासन एवम नगर निगम ग्वालियर के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवम कला अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल का यह प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन इस बार भी संगीतधानी ग्वालियर में 24 से 28 दिसंबर के बीच हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन के समाधि स्थल पर होने जा रहा है। सुरों के इस समागम में देश-विदेश के प्रतिष्ठित और ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर स्वरांजलि अर्पित करने आ रहे हैं। तानसेन समारोह के तहत 22 दिसम्बर को शहर में 15 स्थानों पर “तानसेन संगीत महफिल” और 23 दिसम्बर को पूर्व रंग “गमक” का आयोजन होगा। जिसमें देश और दुनियाभर में सूफियाना गायकी का परचम लहरा रहीं सुश्री रिचा शर्मा सूफियाना कलाम प्रस्तुत करेंगीं।
अलंकरण समारोह 24 दिसम्बर को
तानसेन समारोह का औपचारिक शुभारंभ 24 दिसंबर को अलंकरण समारोह के साथ होगा। इस दिन सुबह सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 7 बजे अलंकरण समारोह में देश के मूर्धन्य शास्त्रीय गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ को वर्ष 2022 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी। इस बार ग्वालियर दुर्ग पर स्थित राजा मानसिंह तोमर द्वारा बनवाए गए विश्व प्रसिद्ध मानमंदिर महल की थीम पर बने मंच पर बैठकर ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानेसन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।
10 संगीत सभाएँ होंगीं
तानसेन समारोह में 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 24 दिसंबर को सायंकाल आयोजित होगी। इसके बाद हर दिन प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 27 दिसम्बर को तानसेन समाधि स्थल के साथ मुरैना जिले के स्रपुसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में भी समानांतर रूप से संगीत सभा सजेगी। 28 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी। अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी।
ताल दरबार में एक साथ 1500 तबला वादक देंगे प्रस्तुति
तानसेन समारोह के तहत 26 दिसम्बर को सायंकाल 4 बजे ग्वालियर किले पर कर्ण महल के बाजू के परिसर में विशेष सभा ताल दरबार का आयोजन होगा। जिसमें 1500 तबला वादकों द्वारा समवेत अर्थात एक साथ प्रस्तुति दी जायेगी।
वादी – संवादी में होंगे इनके व्याख्यान
समारोह के अंतर्गत राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में दो दिन 26 एवं 27 दिसंबर को अपरान्ह 3 बजे से वादी संवादी कार्यक्रम के तहत आमंत्रित कलाकार प्रदर्शन सह व्याख्यान देंगे। वादी-संवादी में 26 दिसम्बर को पं. रघुनंदन पणशीकर पुणे द्वारा गान सरस्वती किशोरी अमोनकर का योगदान और जयपुर घराना – सोदाहरण व्याख्यान होगा। इसी तरह 27 दिसम्बर को श्री विनय उपाध्याय एवं डॉ. स्नेहा कामरा, श्वेताम्बरा भोपाल द्वारा राग कथा : संगीत के प्रमुख रागों के आत्मपरक विवेचन पर एकाग्र पुस्तक पर सोदाहरण व्याख्यान दिया जायेगा और इंदौर की सुश्री कल्पना झोकरकर द्वारा सप्त सूरन के भेद राग संगीत के अलग-अलग प्रकारों पर सोदाहरण व्याख्यान दिए जायेंगे।
कला प्रदर्शनी एवं रंग संभावना कार्यशाला
तानसेन संगीत समारोह के दौरान 22 व 23 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे से 8 बजे तक जयविलास पैलेस परिसर में कला प्रदर्शनी लगाई जायेगी। तानसेन समारोह स्थल पर 24 से 27 दिसम्बर तक ललित कला प्रदर्शनी भी लगेगी।
देश एवं विदेश से जाने-माने ब्रम्हनाद के साधक आयेंगे गान मनीषी तानसेन को स्वरांजलि देने
सायंकालीन सभा 24 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
सभा का शुभारंभ पारंपरिक रूप से शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में तानसेन सम्मान से विभूषित कलाकार पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ का गायन होगा। इस सभा में ग्वालियर के ख्यातिनाम गायक श्री यखलेश बघेल का ध्रुपद गायन, पद्मश्री एन राजम एवं सुश्री संगीता शंकर (वाराणसी), मुम्बई की वायोलिन जुगलबंदी और सुविख्यात शास्त्रीय गायक श्री निर्मल्य डे दिल्ली के ध्रुपद गायन की प्रस्तुति होगी।
प्रात:कालीन सभा 25 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। सभा में श्री सुमित आनंद दिल्ली का ध्रुपद गायन, श्री ईशान घोष मुम्बई का तबला वादन, श्रीमती मधुमिता भट्टाचार्य उपाध्याय वाराणसी का गायन और उस्ताद लतीफ खाँ मुम्बई व उस्ताद सरवर हुसैन कोलकता की सारंगी जुगलबंदी की प्रस्तुति होगी।
सायंकालीन सभा 25 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
इस सभा का आरंभ तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में श्री विनय रामदासन पुणे का गायन, सुविख्यात शास्त्रीय गायक आनंद कुमार मलिक दिल्ली का गायन, श्री अखिलेश गुंदेचा एवं साथियों द्वारा पखावज वृंद वादन, श्री भाग्येश मराठे पुणे का गायन और मूर्धन्य गायक पद्मश्री पं. उल्हास कसालकर पुणे का गायन होगा।
प्रात:कालीन सभा 26 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
इस सभा के आरंभ में भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत नथाली रामिरेज मैक्सिको का बाँसुरी वादन, पारूल दीक्षित उपाध्याय ग्वालियर का गायन, पं. चिंतन उपाध्याय पुणे का ध्रुपद गायन, सुश्री अनुपमा भागवत बैंगलोर का सितार वादन और सुश्री पद्मिनी राव बैंगलोर का गायन होगा।
सायंकालीन सभा 26 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
इस सभा की शुरूआत शंकर गांधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत अफगानिस्तान के जनाब सुल्तान मसूद का वायोलिन वादन, सुश्री हेमांगी नेने हैदराबाद का गायन, जनाब अमान – अयान अली बंगश दिल्ली की सरोद जुगलबंदी, पं. रघुनंदन पणशीकर पुणे का गायन एवं पद्मश्री पं. विजय घाटे पुणे के तबला वादन की प्रस्तुति होगी।
प्रात:कालीन सभा 27 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
इस सभा की शुरूआत पारंपरिक रूप से साधना संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत मोहम्मद अलनुमा ईराक द्वारा ऊद की प्रस्तुति दी जायेगी। इसके बाद श्री अनिल दण्डौतिया मुरैना का गायन, श्री हिमांशु विश्वरूप खैरागढ़ का वायोलिन वादन, सुश्री गीतिका उमड़ेकर पुणे का गायन एवं श्री जयदीप घोष कोलकता के सरोद वादन की प्रस्तुति होगी।
प्रात:कालीन सभा 27 दिसम्बर – बटेश्वर
इस सभा में सुश्री एकता जैन मुरैना का गायन, आचार्य दिव्येश गोस्वामी इंदौर का पखावज वादन एवं पं. राजेन्द्र प्रसन्ना दिल्ली का बाँसुरी वादन होगा।
सायंकालीन सभा 27 दिसम्बर – तानसेन समाधि स्थल
सभा की शुरूआत पारंपरिक रूप से धु्रपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत लोइक सैनलाविले फ्रांस का गिटार वादन, श्री समीर भालेराव झांसी का गायन, पद्मश्री पं. सिरकाली जी शिवा चिदम्बरम चैन्नई द्वारा कर्नाटक संगीत शैली में गायन, श्री ओंकार दादरकर कोलकाला का गायन एवं श्री लक्ष्य मोहन एवं श्री आयुष मोहन दिल्ली द्वारा सितार – सरोद जुगलबंदी प्रस्तुत की जायेगी।
प्रात:कालीन सभा 28 दिसम्बर – बेहट
सभा के प्रारंभ में ध्रुपद केन्द्र बेहट का ध्रुपद गायन होगा। इसके बाद श्री अनिकेत तारलेकर ग्वालियर का वायोलिन वादन श्री सुजल जैन ग्वालियर का गायन एवं पं. उदय कुमार मलिक दिल्ली के ध्रुपद गायन की प्रस्तुति होगी।
अंतिम संगीत सभा (सायंकाल) – 28 दिसम्बर, गूजरी महल
सभा की शुरूआत ध्रुपर केन्द्र भोपाल और सारदा नाद मंदिर ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके पश्चात विश्व संगीत के तहत सुश्री अरिशा एरियन का चेलो वादन, सुश्री दीपिका वरदराजन चैन्नई का गायन एवं सुश्री श्रुति अधिकारी व साथियों द्वारा पंचनाद की प्रस्तुति दी जायेगी।
तानसेन संगीत महफिल में इन कलाकरों की होंगीं प्रस्तुतियाँ
तानसेन समारोह के तहत 22 दिसम्बर को सायंकाल 6 बजे शहर में 15 स्थानों पर तानसेन संगीत महफिल सजेंगीं। इनमें से टाउन हॉल महाराज बाड़ा में आयोजित होने वाली संगीत महफिल में श्री हेमांग कोलटकर का शास्त्रीय गायन और श्री सुनील पावगी का मोहनवीणा वादन होगा।
बैजाताल पर आयोजित होने वाली तानसेन संगीत महफिल में श्री सुदीप भदौरिया का ध्रुपद गायन व श्री राजेन्द्र विश्वरूप द्वारा सुर बहार की प्रस्तुति होगी। ग्वालियर किले पर सजने वाली तानसेन संगीत महफिल में सुश्री मीरा वैष्णव का गायन व उस्ताद सलमान का सारंगी वादन होगा। गंगादास की शाला की संगीत महफिल में श्री भरत नायक का सितार वादन व श्री महेश दत्त पाण्डे का शास्त्रीय संगीत गायन होगा।
जयविलास पैलेस की संगीत महफिल में श्री उमेश कम्पूवाले का शास्त्रीय गायन व श्रीयुत श्रीराम उमडेकर का सितार वादन होगा। हस्सू-हद्दू खाँ सभागार की संगीत महफिल में श्री तेजस भाटे का ध्रुपद गायन व श्रीमती पद्मजा विश्वरूप के विचित्र वीणा वादन की प्रस्तुति होगी। द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में सजने जा रही संगीत महफिल में श्री मनोज नायक का सितार वादन व श्री अनंत महाजने के शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति होगी।
तानसेन समारोह के तहत 22 दिसम्बर को तानसेन संगीत महाविद्यालय की संगीत महफिल में सुश्री योगिनी ताम्बे का ध्रुपद गायन व श्री जगत नारायण शर्मा का पखावज वादन होगा। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की तानसेन संगीत महफिल में श्रीमती साधना गोरे का शास्त्रीय गायन व श्री संजय राठौर के तबला वादन की प्रस्तुति होगी।
शंकर गांधर्व महाविद्यालय की तानसेन संगीत महफिल में श्री ईश्वर चन्द्र करकरे का शास्त्रीय गायन व श्री अंकुर धारकर के वायोलिन वादन की प्रस्तुति होगी। इसी तरह माधव संगीत महाविद्यालय की संगीत महफिल में श्रीमती वीणा जोशी का शास्त्रीय गायन व श्री राशिद खान का सितार वादन होगा।
तानसेन कलावीथिका की संगीत महफिल में श्री जयंत गायकवाड़ का पखावज वादन व श्रीमती रंजना टोणपे का शास्त्रीय गायन होगा। दत्त मंदिर जीवाजीगंज पर 22 दिसम्बर को सजने जा रही तानसेन संगीत महफिल में श्री वेदांत विपट का तबला वादन व श्री प्रज्ज्वल शिर्के के शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति होगी।
आईआईटीटीएम की संगीत महफिल में श्री अविनाश राजावत तबला वादन व श्री यश देवले शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। इसी तरह लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर की संगीत महफिल में श्री शिवांग दुबे का शास्त्रीय गायन व श्री सुभाष देशपाण्डे का वायोलिन वादन होगा।