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देश ने नम आंखों से दी अपने 40 लाड़ले शहीदों को अंतिम विदाई ,गुस्सा चरम पर

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद देश गम में डूबा है. लोगों की आंखें भरी हुई हैं. ये वो शहीद हैं जो अभी नौजवान थे. उनके सामने जिंदगी का लंबा फासला था, लेकिन आतंकियों की कायराना हरकत में वे शहीद हो गए. शहीद जवानों को आज राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से आखिरी विदाई दी गई. शहीदों की शहादत को सलाम करने केंद्रीय मंत्री भी पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को अंतिम विदाई में शामिल होने को कहा था.

शामली के लाल की आखिरी विदाई में शामिल हुए वीके सिंह

हमले में शामली के दो जवान भी शहीद हुए हैं. शहीद प्रदीप और शहीद अमित कुमार को आज आखिरी विदाई दी गई. अपने लाल को विदाई देने के दौरान सभी लोग ग़म में डूबे हुए थे, लेकिन उनका सीना गर्व से चौड़ा हो रहा था.

उनके गांव का लाल देश की रक्षा करते हुए अपना फ़र्ज़ निभाते हुए शहीद हुआ. हज़ारों की भीड़ और देशभक्ति के नारों के बीच शहीद अमित कुमार को अंतिम विदाई दी गई. शहीद अमित 2 साल पहले ही सीआरपीएफ़ में भर्ती हुए थे. 21 साल के शहीद अमित की शादी भी नहीं हुई. शहीद अमित कुमार के अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी पहुंचे. वीके सिंह के अलावा केंद्रीय गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी यहां पहुंचे.

राज्यवर्धन सिंह राठौर ने देश के सपूत को भावभीनी सलामी दी

हमले में जयपुर का भी लाल शहीद हुआ है. शहीद रोहिताश लांबा की आखिरी विदाई में देशभक्ति के नारों के साथ हर किसी में गुस्सा साफ़ नज़र आया. यहां कई किलोमीटर तक हज़ारों लोग पैदल चलते रहे. शहीद रोहिताश सिर्फ 27 साल के थे. 2 साल के बेटे का जन्मदिन मनाकर वो सिर्फ 8 दिन पहले वापस अपना फर्ज निभाने के लिए पहुंचे थे. रोहिताश लांबा की आखिरी यात्रा में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर मौजूद थे. राठौर ने देश के सपूत को भावभीनी सलामी दी.

वहीं भरतपुर के रहने वाले जीतराम भी पुलवामा हमले में शहीद हो गए. पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया. उनके 2 बच्चे हैं. एक की उम्र 2 साल है और दूसरी बच्ची सिर्फ कुछ महीने की ही है. इनके सिर से इनके पिता का साया उठ गया है.

सीएम रावत भी हुए शामिल

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मोहन लाल को नमन करने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे. उत्तराखंड के एक और लाल वीरेंद्र सिंह राणा भी पुलवामा हमले में शहीद हुए. उनका पार्थिव शरीर खटीमा पहुंचा तो केंद्रीय कपड़ा मंत्री अजय टम्टा खुद वीर सपूत को प्रणाम करने वहां मौजूद थे.

इस हमले में शहीद हुए रमेश यादव का पार्थिव शरीर जब वाराणसी के तोहफापुर गांव पहुंचा तो कुछ इसी तरह के भाव उमड़ रहे थे. हजारों-हजार की भीड़ शहीद रमेश यादव अमर रहें के नारे लगा रही थी. शहीद रमेश यादव अपने पीछे बुजुर्ग मां-बाप, पत्वी और डेढ़ साल का बेटा छोड़कर गए हैं. वो 2 दिन पहले ही वतन की रक्षा के लिए कश्मीर पहुंचे थे.

यूपी के महाराजगंज के पंकज त्रिपाठी भी इस हमले में शहीद हुए हैं. वे 3 दिन पहले ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे. जब उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो उनकी एक झलक पाने के लिए यहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने दिया कंधा

उन्नाव में शहीद अजित कुमार को आखिरी विदाई देने के लिए यूपी सरकार के मंत्री ब्रजेश पाठक और सांसद साक्षी महाराज पहुंचे. वहीं चंदौली में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने शहीद अवधेश कुमार यादव को कंधा दिया.

वहीं पंजाब के मोगा में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शहीद जयमाल सिंह की शहादत को सलाम किया.बिहार के दो-दो लाल की शहादत को पटना में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सलाम किया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी.

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