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देश में कान्हा के जन्मदिन की धूम, ग्वालियर के गोपाल मंदिरमें 100 करोड़ के गहनों से राधा-कृष्ण का श्रृंगार, दोपहर 12 बजे खुलेंगे पट

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व आज 26 अगस्त को हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. इस बार जन्माष्टमी पर जयंती योग बना है. यह योग बहुत ही दुर्लभ है. जयंती योग के अलावा आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है. गृहस्थ जनों को आज जन्माष्टमी का व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाना चाहिए. पूजा के समय आपको बाल गोपाल की झांकी सजानी चाहिए और विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए.

ग्वालियर के गोपाल मंदिरमें 100 करोड़ के गहनों से राधा-कृष्ण का शृंगार, दोपहर 12 बजे खुलेंगे पट

सिंधिया रियासत काल में बने फूलबाग के प्राचीन गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण-राधा को करोड़ों रुपए के जेवरात पहनाए जाएंगे। इन्हें देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं। मंदिर पर सुरक्षा की दृष्टि से 100 जवान तैनात रहेंगे

गोपाल मंदिर का निर्माण संवत 1976 में किया गया था। माधो महाराज ने सन 1921 में जन्माष्टमी पर अपने हाथों से राधाकृष्ण की प्रतिमा का श्रृंगार किया था। उन्होंने सोने-चांदी के आभूषण और हीरे, मोती, नीलम और पन्ना जैसे रत्नों की मालाएं राधा-कृष्ण को पहनाई और हमेशा के लिए मंदिर को भेंट कर दी। आजादी के बाद इस मंदिर को कीमती जेवरात सहित नगर निगम के सुपुर्द कर दिया गया। तब से इस मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है।

राधाकृष्ण के शृंगार के लिए बैंक लॉकर में रखे कीमती के गहने जन्माष्टमी के दिन ही बैंक से निकाले जाते हैं और दूसरे दिन बैंक के लॉकर में रखवा दिए जाते हैं। लगभग एक सदी से ज्यादा पुराने होने के कारण मार्केट में इनकी कीमत 100 करोड़ आंकी जाती है। निगमायुक्त अमन वैष्णव ने रविवार को मंदिर पहुंचकर जन्माष्टमी उत्सव की व्यवस्थाएं देखीं। तय कार्यक्रम के अनुसार भगवान के जेवरात सोमवार को सुबह 10 बजे बैंक से निकलवाकर 11 बजे तक मंदिर पहुंचेंगे। वहां भगवान को पहनाने के बाद 12 बजे से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोले जाएंगे।

राधा-श्रीकृष्ण पर ये हैं खास ज्वेलरी

  • राधा: पुखराज, माणिक, पन्ना र| लगा बेशकीमती मुकुट है। यह 3 किलो का है।
  • श्रीकृष्ण: सोने के तोड़े, मुकुट है।
  • राधाकृष्ण: सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार, 7 लड़ी हार, जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने लगे हैं।
  • ज्वेलरी: दोनों के पास झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि हैं।
  • सोने-चांदी के बर्तन: राधा-श्रीकृष्ण के भोजन के लिए सोने, चांदी के बर्तन हैं।
  • पूजा सामग्री: इत्र दान, पिचकारी, चलनी, धूपदान, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सोने-चांदी की है।
  • कीमत: सोने का मुकुट लगभग 1 करोड़, जड़ित मुकुट 20 करोड़, हार ~25 करोड़, आभूषण ~5.5 लाख और भगवान के बर्तन 25 लाख रुपए।

जानते हैं जन्माष्टमी के मुहूर्त, मंत्र, भोग, पूजा विधि आदि के बारे में.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024 मुहूर्त

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का शुभारंभ: आज, सोमवार, तड़के 3 बजकर 39 मिनट सेभाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन: कल, मंगलवार, तड़के 2 बजकर 19 मिनट पररोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ: आज, दोपहर 03:55 बजेरोहिणी नक्षत्र का समापन: कल, दोपहर 03:38 बजेजन्माष्टमी पूजा मुहूर्त: आज, रात 12:01 बजे से 12:45 बजे तक

 

जन्‍माष्‍टमी भाद्रमास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को मनाई जाती है और यह तिथि इस बार 26 अगस्‍त को है। इसके अलावा 27 अगस्‍त को भगवान कृष्‍ण के जन्‍म की खुशी में जन्‍मोत्‍सव मनाया जाएगा। जन्‍माष्‍टमी हिंदू परिवार के अधिकांश घरों में रखा जाता है और कान्‍हाजी के जन्‍म की खुशियां मनाई जाती हैं। जन्‍माष्‍टमी का व्रत कैसे करें और इस दिन किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए, इसको लेकर शास्‍त्रों और पुराणों में कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्‍तार से।

इस तरह रखें जन्‍माष्‍टमी का व्रत
जन्‍माष्‍टमी व्रत के नियमों को मानने की शुरुआत सप्‍तमी तिथि से ही हो जाती है। सप्‍तमी तिथि से ही व्रतियों को ब्रह्मचर्य का पालन शुरू कर देना चाहिए और सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद अगले दिन जन्‍माष्‍टमी पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत करने का संकल्‍प लेना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। जन्‍माष्‍टमी का व्रत आप चाहें तो फलाहार और जलाहार करके रख सकते हैं। लेकिन सूर्यास्‍त से लेकर अर्द्ध रात्रि तक भगपान के जन्‍म की बेला तक व्रतियों को निराहार रहना चाहिए। शाम को भगवान कृष्‍ण की पूजा करने से पहले एक बार स्‍नान जरूर कर लेना चाहिए।

जन्‍माष्‍टमी व्रत के नियम
1. जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले व्रतियों को पूरे दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।
2. जन्माष्टमी के व्रत में भूलकर भी अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।
3. जन्माष्टमी का व्रत रात को 12 बजे भगवान का जन्‍म करवाने के बाद खोलना चाहिए। कुछ लोग जन्‍माष्‍टमी के व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं।
4. जन्‍माष्‍टमी के शुभ अवसर पर आपको भगवान कृष्‍ण के किसी मंदिर में जाकर दर्शन जरूर करने चाहिए।
5. जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह और रात में श्री कृष्ण भगवान की विधि विधान पूजा करनी चाहिए.
6. जन्‍माष्‍टमी के दिन भगवान को जिन चीजों का भोग लगाएं उन्हीं वस्‍तुओं को प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।
7. व्रत रखने वालों को गलती से भी दिन में सोना नहीं चाहिए।
8. किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।

 

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